कक्षा एक से पांच तक के सरकारी स्कूलों की शिक्षक भर्ती से बीएड अभ्यर्थियों को बाहर करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने हजारों बेरोजगारों के सपनों पर पानी फेर दिया है। केंद्रीय विद्यालय संगठन और मध्य प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए दिसंबर 2022 में विज्ञापन जारी हुआ था। इन दोनों ही विज्ञापन में यह शर्त थी कि बीएड अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं लेकिन नियुक्ति की कार्रवाई न्यायालय में लंबित प्रकरणों के अंतिम निर्णय के अधीन होगी। साफ है कि शुक्रवार का सुप्रीम कोर्ट का निर्णय इन दोनों ही भर्तियों पर असर डालेगा।
केंद्रीय विद्यालयों में प्राथमिक स्तर के 6414 शिक्षकों की भर्ती के लिए बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया था। इसकी ऑनलाइन परीक्षा सात फरवरी से छह मार्च तक कराई गई थी। अभ्यर्थियों की मानें तो बीएड बनाम डीएलएड का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के कारण ही केंद्रीय विद्यालय की भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं किया जा रहा था। इसी प्रकार मध्य प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के 18527 पदों पर भर्ती के लिए छह जनवरी तक आवेदन लिए गए थे।
उसमें भी नियुक्ति की कार्रवाई न्यायालय के अंतिम निर्णय के अधीन है। इस मामले में बिहार की शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन करने वाले बीएड अभ्यर्थियों को कुछ राहत है। बिहार लोक सेवा आयोग ने शिक्षकों के पदों पर जून में जारी विज्ञापन में कोर्ट की शर्त नहीं रखी थी।