उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के चिल्ड्रन गर्ल्स स्कूल की घटना को लेकर पूरे प्रदेश में 8 अगस्त को अनऐडिड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने स्कूल बंदी का ऐलान किया है. संगठन ने आजमगढ़ मामले में निजी स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक की बेल रद्द होने के बाद यह फैसला लिया है.
दरअसल, आजमगढ़ जिले में चिल्ड्रन गर्ल्स स्कूल में छात्रा की तीसरी मंजिल से गिरकर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. मामले में परिजनों ने शिक्षकों व प्रधानाचार्य पर हत्या और साक्ष्य मिटाने का आरोप लगाया था. घटना के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. इसके बाद पुलिस ने कॉलेज के एक शिक्षक और प्रधानाचार्य को गिरफ्तार कर लिया था.
इससे पहले निजी स्कूल एसोसिएशन ने दोपहर में प्रमुख सचिव, गृह, संजय प्रसाद से मुलाकात की थी. उनके आश्वासन के बाद स्कूल बंद करने का निर्णय वापस ले लिया था, लेकिन, शाम को फिर से नाटकीय घटनाक्रम के तहत स्कूल खोलने का निर्णय रद्द कर दिया. एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि आजमगढ़ चिल्ड्रन गर्ल्स स्कूल की प्रिंसिपल एवं टीचर की बेल को न्यायालय ने खारिज कर दिया. पुलिस द्वारा लगाई गई धाराओं की वजह से लोअर कोर्ट से बेल रद्द कर दी गई. उत्तर प्रदेश का कोई भी विद्यालय या उसमें कार्यरत शिक्षक-शिक्षिका या विद्यालय की प्रधानाचार्य, कभी भी यह नहीं चाहते कि उनके विद्यालय में अध्ययनरत किसी भी छात्र-छात्रा का अहित हो और वह किसी दुर्घटना को अंजाम दें.
इस घटना से जितने उस बच्चे के परिजन विचलित हैं, उतने ही विद्यालयों के लोग भी. लेकिन, वजह मोबाइल फोन बना और वह भी अभिभावकों के द्वारा दिया गया. आखिर इसमें प्रधानाचार्य और शिक्षक की क्या गलती थी, उन्हें किस बात की सजा मिल रही है, यही कि वह अपने दायित्व का निर्वहन या अपने कार्य सही ढंग से कर रहे हैं. इससे उत्तर प्रदेश के समस्त निजी विद्यालयों में और विद्यालय में कार्यरत कर्मचारी, शिक्षक-शिक्षिकाओं, प्रधानाचार्य में रोष व्याप्त है.
ऐसे में एसोसिएशन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि 8 अगस्त को उत्तर प्रदेश के समस्त निजी विद्यालय बंद रहेंगे. इसके पहले अनऐडिड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के चार सदस्यीय टीम ने इस सिलसिले में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद से मुलाकात की थी. उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन भी दिया. अनऐडिड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विद्यालय से जुड़ी हुई घटनाओं के क्रम में विस्तृत चर्चा की.
बैठक के दौरान कई मुद्दों पर वार्ता की गई. प्रमुख सचिव संजय प्रसाद द्वारा यह आश्वस्त किया गया कि निकट भविष्य में किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर सीधे कोई भी कार्यवाही प्रबंधन तंत्र से जुड़े लोगों, विद्यालय की प्रधानाचार्य या शिक्षक-शिक्षिका के खिलाफ नहीं होगी होगी. महानिदेशक स्कूल शिक्षा से बैठक के दौरान की हुई वार्ता के पश्चात उनके द्वारा आश्वस्त किया गया कि 15 दिन के अंदर विधिवत एसओपी गाइडलाइन एवं एक कमेटी, जिसमें निजी विद्यालय संगठन के पदाधिकारी प्रतिनिधि के रूप में रहेंगे, बनाई जाएगी. इस आश्वासन के पश्चात एसोसिएशन के इस आग्रह पर भी सहमति दी गई कि पुलिस के लिए भी दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे.
भविष्य में किसी भी प्रकार की घटना घटित होने पर बनाई गई कमेटी द्वारा जांच के उपरांत यदि व्यक्ति दोषी पाया जाता है तभी गिरफ्तारी की जाएगी, अन्यथा की दशा में नहीं. 10 सदस्यीय दल के द्वारा उठाए गए अन्य बिंदुओं के लिए भी महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने पूर्णता सहमति जताई और कहा कि विद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों, शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं प्रधानाचार्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग एवं सरकार की है और उसका पूर्णतया ख्याल रखा जाएगा. इसके बाद उन्होंने स्कूल बंदी का निर्णय वापस ले लिया था, लेकिन कोर्ट से बेल न मिलने के बाद एसोसिएशन ने स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है. मालूम हो कि यूपी के आजमगढ़ के कोलघाट शहर की रहने वाली 11वीं की छात्रा चिल्ड्रन गर्ल्स स्कूल में पढ़ती थी.
बीते 31 जुलाई को उसने तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी थी. इसमें छात्रा की मौत हो गई थी. घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. वहीं, परिजनों ने स्कूल के प्रधानाचार्य और कक्षा अध्यापक पर बच्ची को मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया था.
इसके बाद पुलिस ने स्कूल के प्रधानाचार्य और कक्षा अध्यापक को सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस को जांच में छात्रा के मोबाइल से एक ऑडियो भी हाथ लगा था. ऑडियो में प्रधानाचार्य छात्रा को मानसिक प्रताड़ना करते नजर आ रही हैं. बताया गया कि छात्रा के पास मोबाइल को लेकर अध्यापक ने अमानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए मानसिक रूप से प्रताड़ित किया था. वहीं, स्कूल प्रबंधन ने प्रधानाचार्य और कक्षा अध्यापक की बेल के लिए याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट की ओर से रद्द कर दिया गया. इसके बाद यूपी के समस्त निजी स्कूल संगठनों ने आठ अगस्त को सभी विद्यालय बंद करने का फैसला लिया है.