कैराना। सरकार द्वारा पुरानी पेंशन बहाल नहीं किए जाने की घोषणा से राज्य सरकार के कर्मचारी व अधिकारी निराश है। कर्मचारियों व अधिकारियों का मानना है कि नई पेंशन योजना में भविष्य में मिलने वाली पेंशन की कोई गारंटी नही है। जिस कारण वो नई पेंशन योजना का विरोध करते चले आ रहे हैं।
राज्य सरकार के कर्मचारी व अधिकारी पिछले काफी समय से पुरानी पेंशन बहाली की मांग करते चले आ रहे हैं। वहीं बुधवार को लखनऊ विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने घोषणा कर दी कि पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं की जायेगी। जिसके बाद कर्मचारी व अधिकारी निराश नजर आये। अमर उजाला द्वारा कर्मचारियों व अधिकारियों से की बातचीत की गई तो उन्होंने अपनी पीड़ा को कुछ यूं बयां किया..
नई योजना में पेंशन की गारंटी नहीं
इंटर कालेज के प्रवक्ता व उपप्रधानाचार्य लालचंद वर्मा ने बताया कि पुरानी पेंशन योजना में रिटायर होने पर बेसिक सैलरी की 50 प्रतिशत रकम गारंटी से पेंशन के रूप में मिलती है। जबकि नई पेंशन योजना में पेंशन मिलने की कोई गारंटी नही होती।
पेंशन धारक को होगा नुकसान
कर्मचारी अरुण कुमार ने बताया कि नई पेंशन योजना में सरकार सैलरी का 10 प्रतिशत फंड के लिए काटती है। जबकि 14 प्रतिशत सरकार अपने पास से जमा कराती है। लेकिन इस पैसे को शेयर मार्किट में लगाने के कारण अगर पैसा कम हो जाए तो इसका नुकसान पेंशन लेने वाले को होता है।
पुरानी पेंशन योजना में 50 प्रतिशत मिलता है
टीचर अरविंद सैनी ने बताया कि नई पेंशन योजना में रिटायरमेंट के बाद फंड व पेंशन मिलने की गारंटी नही होती। जबकि पुरानी पेंशन योजना में बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता है।
नई योजना में भविष्य सुरक्षित नहीं
कर्मचारी अभिषेक त्यागी ने बताया कि नई पेंशन योजना में सरकार हमें दी जाने वाली पेंशन की धनराशि को शेयर मार्किट में लगा देती है। अगर शेयर के भाव कम हो जाए तो हमारी पेंशन भी कम हो जायेगी। जिसके चलते नई योजना में भविष्य सुरक्षित नहीं रहता।