जिले स्तर पर स्कूल चयन के यह हैं मानक
● चयनित विद्यालय जिला या तहसील मुख्यालय के समीप हो।
● चयनित विद्यालय यथासम्भव जिले के मुख्यमार्ग (नेशनल हाईवे या स्टेट हाईवे) के करीब हो।
● विद्यालय परिसर में उसके भवन के अलावा 1300 वर्गमीटर का निर्माण योग्य रिक्त निशुल्क व निर्विवाद भूमि उपलब्ध हो।
● चयनित विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक कक्ष के साथ न्यूनतम 08 कक्ष पहले से निर्मित हो।
लखनऊ। प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक प्राइमरी विद्यालय को उच्चीकृत कर मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालय बनाया जाएगा। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से एक कार्ययोजना भी तैयार की गई है। इसके तहत जिले के सर्वश्रेष्ठ प्राइमरी, अपर प्राइमरी या कम्पोजिट स्कूल को उच्चीकृत कर मॉडल स्कूल के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। इसके लिए चयनित स्कूल को अत्याधुनिक व विश्वस्तरीय अवस्थापना सुविधाओं से परिपूर्ण बनाया जाएगा।
स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनन्द ने इसके लिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल की परिकल्पना की विस्तृत जानकारी साझा की है। साथ ही यह भी ताकीद की है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शिक्षा को लेकर तैयार हुए ड्रीम प्रोजेक्ट में से यह योजना भी शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है। पूर्व में प्रत्येक विकास खण्ड स्तर पर पहले से संचालित पांच प्राइमरी स्कूलों को आधुनिक अवस्थापना सुविधाओं से उच्चीकृत करने का एक प्रस्ताव जिलों से मांगा गया था।