कानपुर देहात। छह महीने से ज्यादा वक्त बीत गया लेकिन तब से बेसिक शिक्षकों के प्रमोशन की प्रक्रिया जहां की तहां अटकी हुई है। अब शिक्षकों का धैर्य जवाब देने लगा है। इसको लेकर शिक्षक शिक्षा मंत्री और विभाग के अफसरों से मिलकर स्थिति साफ करने की मांग कर रहे हैं। बेसिक शिक्षकों के प्रमोशन की प्रक्रिया फरवरी में शुरू हुई थी। उसके बाद से वरिष्ठता सूची जारी करने की तारीख लगातार बढ़ती रही। करीब एक दर्जन बार तारीख बढ़ने के बाद प्रक्रिया थम गई। इस बीच तबादलों के आदेश हो गए।
इसमें से अंतर्जनपदीय तबादले हो चुके हैं और अब तैनाती प्रक्रिया शुरू हो गई है इसके लिए आदेश जारी कर दिया गया है लेकिन प्रमोशन को लेकर विभाग के अफसर अभी चुप्पी साधे हुए हैं। पिछले महीने एक आदेश आया था कि सभी बीएसए 24 जुलाई तक वरिष्ठता सूची को जांच लें। हकीकत यह है कि पोर्टल पर अभी तक सभी जिलों की अंतिम सूची ही अपलोड नहीं हुई है। इस बाबत तबसे कोई नया आदेश नहीं आया है। बेसिक शिक्षकों के प्रमोशन कई साल से नहीं हुए। अब फिर से प्रमोशन प्रक्रिया लटकने से शिक्षकों में रोष है। कई जिलों में शिक्षकों ने रविवार को अपने क्षेत्र के सांसदों और नेताओं से भी मुलाकात कर यह समस्या रखी।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद का कहना है कि वरिष्ठता सूची को लेकर काफी आपत्तियां आई थीं। उनका निस्तारण किया जा रहा है। जल्द ही सभी जिलों की अंतिम वरिष्ठता सूची जारी कर प्रमोशन किए जाएंगे।
प्रमोशन में फंस रहे ये पेंच-
प्रमोशन प्रक्रिया में अब भी कई पेच फंस रहे हैं। सबसे बड़ी दिक्कत वरिष्ठता सूची को लेकर है। इसमें बड़ा पेच टीईटी की अनिवार्यता को लेकर है। इसी वजह से 2018 में प्रमोशन प्रक्रिया रुक गई थी। जिन शिक्षकों का प्रमोशन होना है वे प्राइमरी के सहायक से जूनियर के सहायक अध्यापक बनेंगे तो कुछ प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक बनेंगे। उच्च प्राथमिक में जानें के लिए जूनियर टीईटी अनिवार्यता को आधार बनाकर कुछ शिक्षक 2018 में कोर्ट चले गए थे। प्रदेश में कुछ शिक्षक जूनियर टीईटी पास हैं और कुछ नहीं। कुछ शिक्षक प्राथमिक स्तर की टेट परीक्षा पास हैं वे प्राथमिक में प्रधानाध्यापक बनने की योग्यता तो रखते हैं लेकिन जूनियर में सहायक अध्यापक कैसे बने यह भी एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है।
विभिन्न जिलों की अभी जो वरिष्ठता सूची अपलोड हुई है उसमें तीनों तरह के शिक्षक हैं। कुछ शिक्षक प्राथमिक स्तर की तो कुछ जूनियर स्तर की टेट परीक्षा पास हैं तो कुछ किसी भी प्रकार की टेट परीक्षा पास नहीं हैं अधिकारी असमंजस में हैं कि बिना टीईटी वालों को प्रमोशन में शामिल करें या नहीं। इस वजह से प्रमोशन प्रक्रिया अटकी हुई है। प्रमोशन प्रक्रिया शुरू करने से पहले इसके लिए पूरी तैयारी नहीं की गई। शुरुआती आदेश में यह भी साफ नहीं किया गया कि कितने पद हैं और कितने पर प्रमोशन होगा। यही वजह है कि अब अधिकारी खुद असमंजस में हैं कि करें तो क्या करें।