आजमगढ़, । जिले के सौ से अधिक परिषदीय स्कूलों में वाई-फाई और ग्रामीणों को इंटरनेट कनेक्शन देने की योजना फेल हो गई। तीन साल बाद भी कनेक्शन नहीं दिया जा सका। ग्रामीणों को हाईस्पीड इंटरनेट की सुविधा देने के लिए स्कूलों में लगाए गईं ब्राडबैंड मशीनें धूल फांक रही हैं।
बच्चों को आनलाइन शिक्षा देने की योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई। वर्ष 2019-20 में नेशनल आप्टिकल फाइवर नेटवर्क योजना के जरिए ग्रामीण अंचल के स्कूलों में हाईस्पीड इंटरनेट सुविधा के लिए बीबीएल कंपनी की ओर से जिले के आठ ब्लाकों के सौ से अधिक स्कूलों में ब्रांडबैंड मशीन लगाई गई। इसके जरिए शिक्षकों, बच्चों के साथ ही ग्रामीणों को वाईफाई और हाईस्पीड नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध कराई जानी थी। इसके लिए कंपनी द्वारा फ्रेंचाइजी भी दी गई थी। जिसके माध्यम से लोगों को कनेक्शन लेना था। स्कूलों में ब्राडबैंड की कनेक्विटी के लिए मशीन भी लगा दी गई। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते ब्राडबैंड सेवा फ्लाप हो गई।
अभी तक इस योजना का लाभ किसी भी स्कूल व ग्रामीणों को नहीं मिल सका है। मजे कि बात तो यह है कि अधिकांश स्कूलों में लगी ब्रांडबैड मशीनों के बारे में शिक्षकों और ग्रामीणों को जानकारी तक नहीं है। बीएसएनएल के उपमंडल अभियंता नोफन वैष्णव सिंह ने बताया कि जिले के आठ ब्लाकों के स्कूलों व ग्राम पचायत भवनों में ब्राडबैंड लगाया है। कुछ जगहों पर काम भी कर रहा है। अधिकांश जगहों पर लोग कनेक्शन नहीं ले रहे हैं। जिससे योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है।