प्रयागराज, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्त्वपूर्ण आदेश में कहा है कि अभ्यर्थियों की बड़ी संख्या को देखते हुए कटऑफ मार्क्स ही एक ऐसा तरीका है, जिससे रिक्तियों के सापेक्ष अभ्यर्थियों की संख्या को एक सीमा में रखा जा सकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने सुप्रिया सिंह बैस की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। इसी के साथ कोर्ट ने प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक (टीजीटी) हिंदी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित कोटे के तहत आवेदन करने वाली सामान्य वर्ग की अभ्यर्थी (याची) को कटऑफ मार्क्स के आधार पर चयन सूची में स्थान न मिलने के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी है।
याची का कहना था कि उसने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित कोटे
सीएमओ को मेडिकल प्रमाण पत्र सत्यापित करने का अधिकार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के मामले में संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को किसी मेडिकल संस्थान द्वारा जारी सर्टिफिकेट को सिर्फ सत्यापित करने का अधिकार है। सीएमओ को मेडिकल सर्टिफिकेट में बताई गई बीमारी पर कोई टिप्पणी करने या अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के आवेदन पर कितने अंक देने चाहिए, यह बताने का अधिकार नहीं है।
से आवेदन किया था। आठ अगस्त 2021 को लिखित परीक्षा हुई लेकिन याची को काउंसिलिंग में नहीं बुलाया गया। याचिका में कहा गया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड चयन का यह कार्य अवैधानिक है।