उन्नाव: समाज के सबसे बुद्धिजीवी वर्ग ने अपने साथ हो रहे अन्याय के विरोध में हुंकार भरी है। बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षक सरकार की अनदेखी व मनमर्जी से उकता रहे हैं। जिसको लेकर शिक्षकों ने विद्यालयों में कार्य करते हुए बांह में काली पट्टी बांधकर 21 दिन का विरोध शुरू कर दिया है।
उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल पूर्व माध्यमिक शिक्षक द्वारा 16 अगस्त से पांच सितंबर (शिक्षक दिवस) तक लगातार शिक्षक समस्याओं को लेकर हाथ में काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करते हुए शांति पूर्ण तरीके से शिक्षण कार्य करने का आह्वान किया गया है। शिक्षकों ने जिन प्रमुख 15 मांगों को नजरदांज करने पर काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य करने का फैसला किया है। उसमें मुफ्त कैशलेस इलाज, सामूहिक बीमा, टाइम एंड मोशन सिर्फ हमारे लिए क्यों, विद्यालयों की समयावधि ज्यादा क्यों, सदन में प्रतिनिधित्व का अधिकार हमें क्यों नहीं, शिक्षक विधायक चुनाव में हमें वोट डालने तक का अधिकार क्यों नहीं, सारे गैर शैक्षणिक कार्य बेसिक शिक्षा विभाग की शिक्षकों से ही क्यों, हमारे प्रतिकर अवकाश, बंद क्यों, सारे निरीक्षण हमारे लिए ही क्यों, हमारे अध्ययन अवकाश बंद क्यों हमारे प्रधान अध्यापकों की पद समाप्त क्यों, हमारी पदोन्नति क्यों नहीं संभव है, हमारे स्थानांतरण समय पर क्यों नहीं होते, हमें अर्द्ध अवकाश क्यों नहीं देय हैं, हमें पितृत्व अवकाश क्यों नहीं देय हैं आदि प्रमुख बताए