नई दिल्ली। महंगे पेट्रोल और डीजल से लोगों को जल्द राहत मिल सकती है। भोजन और ईंधन की लागत में वृद्धि को रोकने के लिए सरकार एक लाख करोड़ का आवंटन कर सकती है। विभिन्न मंत्रालयों के बजट से इस रकम को आवंटित करने की योजना पर विचार हो रहा है सरकारी सूत्रों ने बताया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले हफ्तों में इस पर निर्णय ले सकते हैं।
इस योजना के तहत पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर कर को कम किया जा सकता है। साथ ही खाना पकाने के तेल और गेहूं पर आयात शुल्क भी कम हो सकता है। सरकार ने पिछले साल 26 अरब डॉलर की योजना की घोषणा की थी। आम लोगों को राहत देने और जरूरी वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए इस बार भी फैसला लिया जा सकता है। महंगाई लगातार मुद्दा बनी हुई है। जुलाई की खुदरा महंगाई बढ़कर 15 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। इससे भी ज्यादा चिंता की बात सब्जियों और खाद्य पदार्थों की कीमतें थीं, जो बेतहाशा बढ़ी हैं।
सरकार के पास एक लाख करोड़ खर्च करने की क्षमता: भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ रही है। ऐसे में सरकार के पास एक लाख करोड़ रुपये के आवंटन करने की क्षमता है। यह मार्च, 2024 में खत्म होने वाले बजट का केवल दो फीसदी है।
सरकार बजट घाटे के लक्ष्य पर कायम रहते हुए गरीबों के लिए सस्ता कर्ज और घर उपलब्ध कराने की भी योजना पर विचार कर सकती है। देश के कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण कई घरेलू वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हुई है। इसमें टमाटर और प्याज जैसी प्रमुख सामग्री भी शामिल है।
चुनावों पर हो सकता है फोकस
सूत्रों के मुताबिक, चूंकि इस साल देश के कुछ राज्यों जैसे मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव और अगले साल आम चुनाव होने हैं। ऐसे में मोदी के पास मतदाताओं के लिए कीमतों पर लगाम कसने के लिए बस कुछ ही महीने बचे हैं। हालांकि, इस तरह के फैसले लेने से पहले बजट घाटे को भी देखना होगा, जिस पर पूरी दुनिया के निवेशकों की नजर है।