फर्रुखाबाद : परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार करने के लिए एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) को दो घंटे सहयोगात्मक पर्यवेक्षण करना होता है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। वह स्कूल में अफसर बनकर कुछ देर में निरीक्षण पूरा कर पोर्टल पर रिपोर्ट अपलोड कर देते।
इसकी हकीकत पोर्टल की रिपोर्ट ने खोल दो है। राज्य परियोजना निदेशक की नाराजगी पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तीन एआरपी को नोटिस
जारी कर दो दिन में स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है।
प्रत्येक ब्लाक संसाधन केंद्र पर विषयवार पांच-पांच एआरपी नियुक्त हैं। इनको विद्यालय के प्रधानाध्यापक व शिक्षक से मिलकर सहयोगात्मक पर्यवेक्षण करना है। छात्रों को पढ़ाने का तरीका शिक्षकों को बताना है।
इसके लिए उनको एक विद्यालय में दो घंटे तक समय देने का आदेश है, पर एआरपी ऐसा नहीं कर रहे हैं। वह अफसर बनकर विद्यालय का निरीक्षण आधा व एक घंटा में पूरा कर प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड कर देते हैं। सहयोगात्मक पर्यवेक्षण दो घंटे तक न करने की हकीकत पोर्टल पर अपलोड हुई रिपोर्ट की समीक्षा से हो गई ।
राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने नाराजगी जताई। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गौतम प्रसाद ने सहयोगात्मक पर्यवेक्षण दो घंटे तक न करने में नवाबगंज बीआरसी के एआरपी बलवीर सिंह, ब्रजेश कुमार पुष्कर और शमसाबाद बीआरसी के एआरपी अजीत कुमार शर्मा को नोटिस जारी किया है।