• नई दिल्ली
स्कूलों में नए पाठ्यक्रम लागू होने पर सिर्फ परीक्षा ही नहीं, बल्कि पढ़ाई का भी पैटर्न बदल जाएगा। इसका मुख्य फोकस बच्चों को पढ़ाई के बेवजह दबाव से राहत देना है। यही वजह है कि स्कूलों के लिए जो नया नेशनल कैरीकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) तैयार किया गया है, उसमें स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों के लिए वैश्विक मानकों के आधार पर पढ़ाई के घंटे तय किए गए हैं।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत तैयार नए एनसीएफ के तहत स्कूलों में अब हफ्ते में सिर्फ 29 घंटे पढ़ाई होगी। इसमें सोमवार से शुक्रवार तक पांच से साढ़े पांच घंटे और महीने के दो शनिवार को कुछ घंटे की पढ़ाई होगी। दो शनिवार को छुट्टी रहेगी। प्रत्येक स्टेज पर कक्षाओं का समय अधिकतम 35 मिनट रखा गया है। प्रमुख विषयों से जुड़ी कक्षाओं के लिए प्रत्येक स्टेज
नए नेशनल कैरीकुलम फ्रेमवर्क में पढ़ाई के घंटे भी निर्धारित
- 10 दिन वगैर वस्ते के आना होगा अधिकतम 50 मिनट की होगी कक्षा
के अनुसार 40 से 50 मिनट का समय निर्धारित किया गया है।
एनसीएफ ने वर्ष में छात्रों के लिए 10 दिन ऐसे तय किए हैं, जिनमें उन्हें बगैर बस्ते के स्कूल आना होगा। किताबों की जगह मौखिक और प्रयोगों के जरिये पढ़ाया जाएगा। इस दौरान वर्ष में स्कूलों में सिर्फ 180 दिन ही कक्षाएं लगेगी। वर्ष में राष्ट्रीय अवकाश सहित ग्रीष्म व शीतकालीन छुट्टियों आदि के चलते स्कूल 220 दिन ही खुलते हैं। 20 दिन परीक्षाओं और 20 दिन अलग- अलग गतिविधियों में चले जाते हैं। ऐसे में पढ़ाई सिर्फ 180 दिन ही होती है। इसके आधार पर ही पढ़ाई की पूरा शेड्यूल निर्धारित किया गया है।