लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। अब गुरुजी भी स्कूलों में सुनाएंगे एक से
बढ़कर एक मनभावन कहानियां। जी हां.. प्रदेश के प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में गुरुजी बच्चों को अच्छी- अच्छी कहानियां सुनाएंगे। सबसे बेहतरीन कहानियां सुनाने वाले शिक्षकों को राज्य सरकार पुरस्कृत भी करेगी। पहले जिले स्तर पर प्रतिस्पर्धा कराकर सबसे अच्छी कहानियां सुनाने वाले शिक्षकों को चुना जाएगा और इन्हीं चयनित मास्टरजी के बीच फिर से प्रतिस्पर्धा करा कर प्रदेश स्तर के सबसे
कहानियों के मानदण्ड
■ कहानी देश के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर आधारित होनी चाहिए।
■ कहानी की भाषा सरल व शिष्ट हो जिससे बच्चे समझ सकें।
■ कहानी सुनाने का तरीका रोचक और प्रभावी हो, ताकि बच्चे कहानी को समझकर प्रेरित हो सकें।
बेहतर कहानी सुनाने वाले अलग- अलग श्रेणी के गुरु का चयन किया जाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और
प्रतियोगिता के दिशा निर्देश
यह जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित की जायेंगी।
■ प्रस्तुत की जाने वाली कहानियों की स्क्रीनिंग विशेषज्ञों के पैनल के माध्यम से करायी जायेगी।
■ पैनल में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान एवं परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को नहीं रखा जाएगा।
प्रशिक्षण परिषद के निदेशक डा. पवन कुमार की ओर से बुधवार को यह आदेश जारी किया गया है।
राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए दिशा निर्देश
■ कहानी सुनानी की तय समय सीमा यानि 3 मिनट से 5 मिनट के भीतर कहानी को पूरा करना होगा।
■ राज्य स्तर पर कहानी का मूल्यांकन बाहरी विशेषज्ञों से कराया जाएगा।
■ राज्य स्तर पर चयनित श्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाएगा।