प्रयागराज, । आउट ऑफ स्कूल बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से कराए जा रहे परिवार सर्वेक्षण में शिक्षक-शिक्षिकाओं को घर-घर की ठोकर खानी पड़ रही है। शहरियों का सहयोग न मिलने के कारण सर्वेक्षण कर रही शिक्षिकाएं आए दिन तिरस्कृत महसूस कर रही हैं।
नगर क्षेत्र के 1.93 लाख घरों के सर्वेक्षण की जिम्मेदारी 208 शिक्षकों-शिक्षिकाओं और 116 शिक्षामित्रों को मिली है। एक अप्रैल से शुरू सर्वे वैसे तो 15 मई तक पूरा होना था, लेकिन वर्तमान में 21 हजार घरों का ही सर्वे हो सका है। अब दस अगस्त तक का समय दिया गया है। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि क्षेत्र में जाने पर लोग सहयोग नहीं करते। लोग दरवाजा बंद कर देते हैं, दुत्कारते हैं कि चले जाएं सूचना नहीं देंगे। सरकार टैक्स लगाना चाहती है, हमारी इनकम जानना चाहती है। दस घर खटखटाने पर मुश्किल से कोई बात करने को तैयार होता है। यदि सर्वे करवाना है तो साथ में पार्षद का प्रतिनिधि भी जाए ताकि लोगों का सहयोग मिल सके।
सर्वेक्षण में मांगा सहयोग खंड शिक्षाधिकारी प्रज्ञा सिंह ने शुक्रवार को नगर क्षेत्र के 116 शिक्षामित्रों के साथ बैठक कर निपुण लक्ष्य की प्राप्ति और परिवार सर्वेक्षण में सहयोग मांगा। यह पहला मौका था जब किसी खंड शिक्षाधिकारी ने शिक्षामित्रों के साथ बैठक की। शिक्षामित्रों ने भी सहयोग करने और नगर क्षेत्र में सबसे पहले निपुण लक्ष्य प्राप्त करने का भरोसा दिलाया।