उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों और मंडल आयुक्त को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि किसी भी प्रकार की भ्रामक खबर फैलाने वाले के खिलाफ कार्यवाही होगी। अपर मुख्य सचिव संजय प्रसाद की तरफ से जारी किए गए निर्देश में यह कहा गया है कि समाचारों के तत्वों की त्वरित जांच करना आवश्यक है। क्योंकि इन समाचारों से शासन की भी छवि धूमिल होती है।
ऐसे आर्टिकल की शिकायत आईजीआरएस में दर्ज कर उसकी रिपोर्ट तैयार कर आगे की कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल लोगों को कहना है यूपी सरकार यह निर्देश ऐसा कि अब सेंसर बोर्ड के तरीके से हर खबर पर नजर रखेगी।
आइजीआरएस में दर्ज होंगे ऐसे आर्टिकल
यूपी सरकार के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद के द्वारा जारी किए गए आदेश में लिखा गया है कि दैनिक समाचार पत्रों तथा मीडिया माध्यमों में प्रकाशित नकारात्मक समाचारों का संग्रहण सूचना विभाग द्वारा किया जाता है। इन नकारात्मक समाचारों के तत्वों की त्वरित जांच करना आवश्यक है क्योंकि इन समाचारों में शासन की छवि भी धूमिल होती है। ऐसे में आर्टिकल को आईजीआरएस में दर्ज कराया जाएगा और संबंधित मॉडल आए तो जिलाधिकारी युवा और विभाग अध्यक्षों को प्रेषित कर कार्रवाई की अपेक्षा की जाएगी।
अंतिम रिपोर्ट को मान्य नहीं माना जाएगा। इस प्रकार के प्रकरणों में जिलाधिकारी द्वारा संबंधित विभाग को पत्र प्रेषित किए जाने के उपरांत जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा उक्त पत्र की सेकंड कॉपी जनसुनवाई समाधान आइजीआरएस पोर्टल में भी अपलोड की जाएगी। इसके लिए आइजीआरएस पोर्टल पर व्यवस्था की जा रही है।
यह भी संज्ञान में आता है कि किसी दैनिक समाचार पत्र मीडिया में घटना को तोड़ मरोड़ कर अथवा गलत तत्वों का उल्लेख कर नकारात्मक समाचार प्रकाशित कर राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जाता है। तो संबंधित जिलाधिकारी इस संबंध में संबंधित मीडिया ग्रुप समाचार पत्र के प्रबंधक को इससे स्पष्ट किए जाने के लिए पत्र प्रेषित किया जाएगा। सूचना विभाग को भी इसकी कॉपी भेजी जाएगी।