, लखनऊ : शिक्षा के अधिकार (RTE) के तहत दाखिला लेने वालों बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति करने के लिए जारी धनराशि का इस्तेमाल न करने पर 7 शिक्षाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इनमें 4 मौजूदा और 3 पूर्व बीएसए हैं। इनकी गोपनीय पंजिका में चेतावनी, प्रतिकूल प्रविष्टि और भर्त्सना दर्ज की गई है।
10 मार्च को सभी जिलों को आरटीई के तहत स्कूलों को फीस प्रतिपूर्ति के लिए धन आवंटित किया गया था। इसके समुचित उपयोग व उपभोग के नियमित निर्देश जारी किए गए। बावजूद इसके मथुरा, बलिया, हाथरस, चंदौली, सुलतानपुर, औरैया का उपयोग नहीं किया गया। इससे स्कूलों को फीस प्रतिपूर्ति का पैसा भी नहीं मिला और वित्तीय सत्र बीत जाने के चलते उपभोग के अभाव में धनराशि लैप्स हो गई। इस लापरवाही के चलते शिक्षा निदेशक महेंद्र देव ने मथुरा के तत्कालीन बीएसए वीरेंद्र कुमार, बलिया के तत्कालीन बीएसए मनिराम सिंह, हाथरस के तत्कालीन बीएसए राहुल कुमार पवार और कानपुर देहात की मौजूदा बीएसए रिद्धि पांडेय की गोपनीय पंजिका में विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज की गई है। वहीं, चंदौली के बीएसए सत्येंद्र कुमार, सुलतानपुर की बीएसए दीपिका चतुर्वेदी और औरैया के बीएसए अनिल कुमार को चेतावनी जारी की गई है।