सरल संस्कृत में पूछे गए पाठ के प्रश्न
यही नहीं किताब में पाठों के प्रश्न सरल संस्कृत में पूछे गए हैं। पहले हिन्दी और संस्कृत मिलाकर प्रश्न पूछे जाते थे, लेकिन इस बार बदलाव किया गया है। आवश्यकता के अनुसार विभिन्न पाठों में तस्वीरों का भी उपयोग किया गया है ताकि किताब को इंटरेक्टिव बनाया जा सके।
पहली बार बोर्ड ने छपवाई किताबें
बोर्ड ने पहली बार हिन्दी, संस्कृत और उर्दू की किताबों को स्वयं प्रकाशित करवाया है। पिछले साल तक इन तीनों विषयों का पाठ्यक्रम तो बोर्ड निर्धारित करता था लेकिन किताबों के प्रकाशन पर नियंत्रण नहीं था। यानि कोई भी प्रकाशक इन्हें छाप सकता था। इसका सबसे अधिक नुकसान यह होता था कि कई बार निजी प्रकाशक गलत तथ्य भी छाप देते थे।
प्रयागराज। संस्कृत की ओर बच्चों का रुझान बढ़ाने के उद्देश्य से यूपी बोर्ड के विशेषज्ञों ने कक्षा नौ और दस की किताब में काफी बदलाव किया है। बोर्ड ने इस साल विशेषज्ञों की सहायता से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुसार संस्कृत की किताबों को नए सिरे से तैयार करवाया है। हाईस्कूल संस्कृत में गद्य, पद्य, नाटक और व्याकरण चार भाग हैं। जिनमें से गद्य और पद्य के बोझिल और बड़े पाठ के अंश को कम किया गया है।
कक्षा नौ की पद्य पीयूषम के पहले पाठ रामस्य पितृभक्ति में पहले 26 श्लोक हुआ करते थे जिसे अब कम करके 14 कर दिया गया है। दूसरे पाठ सुभाषितानि में पहले 15 श्लोक थे जो अब 10 रह गए हैं। तीसरे पाठ सूक्ति सुधा में नौ श्लोक को कम करके सात कर दिया गया है। कक्षा दस की पद्य पीयूषम के पहले पाठ लक्ष्य वेध परीक्षा में पहले 21 श्लोक थे जो 14 रह गए हैं। इसी प्रकार अन्य पाठ और गद्य में भी काफी हिस्से को कम किया गया है। यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल की देखरेख में अनावश्यक और कठिन हिस्से को हटाया गया है ताकि अधिक से अधिक बच्चे संस्कृत भाषा की पढ़ाई करें। गौरतलब है कि 2023 की हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में 3,33,348 ने संस्कृत ली थी।
कक्षा नौ और दस की संस्कृत की किताब में परिवर्तन किया गया है। इस बार लंबे और बोझिल पाठ के अंश को कम करने के साथ ही सरल संस्कृत में प्रश्न पूछे गए हैं। निश्चित रूप से यह बदलाव बच्चों को पसंद आएगा और पहले से अधिक परीक्षार्थी संस्कृत की पढ़ाई करेंगे।
- डॉ. विजयराज यादव, प्रवक्ता संस्कृत, अंग्रसेन इंटर कॉलेज