जौनपुर। विभागीय लापरवाही कहें या फिर सुस्ती का नतीजा, अभी भी कुछ विद्यालय बिना कायाकल्प के हैं। संविलियन विद्यालय मानीकला शाहगंज की हालत भी कुछ ऐसी ही है। भवन तो भूकंप रोधी बनाया गया है, लेकिन इसकी छत बारिश में टपकती है।
दीवार भी फट चुकी है। इसी के नीचे बैठकर बच्चे पढ़ाई करते हैं। बच्चों को बैठने के लिए कोई अतिरिक्त भवन नहीं है। मानीकला गांव के संविलियन स्कूल में वर्तमान में 421 छात्र पंजीकृत हैं, जिनको पढ़ाने के लिए 11 अध्यापक और चार शिक्षा मित्र कार्यरत हैं। विद्यालय में गोलाकार छत वाले 4 कमरे 15 वर्ष पूर्व बने थे।
इनमें से तीन कमरों की छत क्रैक (फटी) होने से बरसात होने पर
जर्जर छत वाले कमरे में पढ़ने के लिए मजबूर हैं छात्र
कमरों की छत जर्जर हो चुकी है। इसकी जानकारी खंड शिक्षा अधिकारी और ग्राम प्रधान को दे दी गई है। छात्रों को इन भवनों में जाने से रोक दिया गया है।
-सत्यदेव तिवारी, प्रधानाध्यापक संविलियन विद्यालय, मानीकला
संविलियन विद्यालय के भवन की छत जर्जर होने की जानकारी है। बीडीओ तथा जेई को पत्र लिखकर गोलाकार छत की मरम्मत के लिए आग्रह किया गया है। अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है।
-हाजी मोहम्मद अरशद, प्रधान
पानी टपकने लगता है। छत जर्जर होने से इनके गिरने की आशंका बनी रहती है। कमरे के दरवाजे पर बेंच लगा कर उनमें छात्रों के जाने
निटप्राथमिक विद्यालय मानीकर्ता “वि.क्ष. शाहगंज जनपद जीनपुर
मानीकला गांव स्थित संविलियन विद्यालय संवाद
से रोक दिया है। पढ़ाई के लिए कोई दूसरा भवन नहीं होने के कारण छात्रों को परेशानी उठानी पड़ रही है। भवन जर्जर होने के सहमे रहते हैं।
कारण हमेशा भय बना रहता है कि कहीं भवन गिर न जाए। भवन जर्जर होने के कारण शिक्षक भी