महीने का समय लगेगा कामकाज शुरू करने में कम से कम
वर्ष 2019 में भी कैबिनेट से मिल चुकी मंजूरी
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को 2019 में भी एक बार कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल चुकी है, हालांकि आयोग अब तक कामकाज शुरू नहीं कर सका है। वैसे नए आयोग की चर्चा तो 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद से ही शुरू हो गई थी। उस समय उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और चयन बोर्ड के अध्यक्षों और सदस्यों से इस्तीफा ले लिया गया था, लेकिन बाद में 2018 में दोनों आयोगों में अध्यक्षों और सदस्यों की नियुक्ति करते हुए कामकाज किया गया।
● पहले विधायिका से जारी होगी नए आयोग की अधिसूचना
● उसके बाद अध्यक्ष, सदस्यों और अफसरों की नियुक्ति
● चयन बोर्ड की बिल्डिंग भी हैंडओवर करनी होगी
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प्रयागराज, । उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद बेरोजगारों में नौकरी मिलने की उम्मीद जगी है। यह अलग बात है कि नई भर्ती शुरू होने या पहले से विज्ञापित भर्ती की परीक्षा होने में अभी काफी समय लगेगा। आयोग का ड्राफ्ट तैयार करने वाले जानकारों की मानें तो नए आयोग को अस्तित्व में आने में कम से तीन महीने का समय लगेगा। साफ है कि आयोग की ओर से नई भर्ती लोकसभा चुनाव 2024 के आसपास ही संभव लग रही है।
दरअसल पहले आयोग का मसौदा विधानसभा से पास होने के बाद राज्यपाल के हस्ताक्षर से उसकी अधिसूचना जारी होगी। उसके बाद एक अध्यक्ष और 12 सदस्यों के चयन की प्रक्रिया में कम से कम एक से डेढ़ महीने का समय लगेगा। उसके बाद प्रयागराज मेंनए आयोग का कार्यालय बनाया जाएगा।
माना जा रहा है कि आयोग का कार्यालय उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड एलनगंज को ही बनाया जाएगा, चूंकि उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग का कार्यालय किराए के भवन में संचालित है इसलिए चयन बोर्ड की बिल्डिंग ही सबसे मुफीद स्थान है।
चयन बोर्ड की बिल्डिंग हैंडओवर करने के लिए भी शासनादेश जारी होगा क्योंकि चयन बोर्ड माध्यमिक शिक्षा विभाग की संपत्ति है और नए आयोग का काम उच्च शिक्षा विभाग देख रहा है। नए आयोग में सचिव, उप सचिव, परीक्षा नियंत्रक समेत अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों की भी नियुक्ति करनी होगी। ऐसे में इस साल के अंत तक ही नए आयोग की गतिविधियां शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।