👉 शिक्षकों व बच्चों की हाजिरी के साथ दूसरे कार्यों के लिए हर स्कूल को दिए जाएंगे दो-दो टैबलेट
👉 टैबलेट अक्षांश व देशांतर आधारित होने से उनका उपयोग आवंटित स्कूल में ही किया जा सकेगा
परिषदीय स्कूलों की दशा सुधारने देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं संचालित कीं आपरेशन कायाकल्प से स्कूलों का रखरखाव तो सुधरा पर न शैक्षिक स्तर सुधरा और न बच्चों की संख्या बढ़ी शिक्षक वक्त पर स्कूल पहुंचें और बच्चों की संख्या की सही जानकारी हो उसके लिए सरकार अब ने डिजिटल निगरानी कराने जा रही है।
स्कूलों को इसके लिए दो-दो टैबलेट दिए जाएंगे, उन पर ही शिक्षक और छात्र-छात्राओं की हाजिरी लगेगी स्कूलों को आवंटित किए जाने वाले टैबलेट के साफ्टवेयर में स्कूल का अक्षांश और देशांतर पहले से फीड होगा, इससे वह उसी जगह एक्टिव होंगे जहां के लिए वह आवंटित किए गए हैं।
व्यवस्था लागू होने पर स्कूलों में हाजिरी, प्रवेश पंजिका, कक्षावार छात्र उपस्थिति, मिड-डे मील, समेकित नि:शुल्क सामग्री वितरण, स्टाक, व्यय, बैठक, निरीक्षण, पत्र व्यवहार, बाल गणना, पुस्तकालय एवं खेलकूद रजिस्टर का अस्तित्व खत्म हो जाएगा हाजिरी समेत स्कूल का सभी कामकाज टैबलेट पर ही किए जाएंगे।
सब कुछ आनलाइन होने से दूरदराज के गांवों के स्कूलों में तैनात शिक्षकों के द्वारा कुछ भी छिपा पाना आसान नहीं होगा विभाग के साथ शासन के अधिकारियों तक को स्कूलों की व्यवस्था, वहां बच्चों की संख्या, मिल-डे मील पर खर्च और शिक्षकों की उपस्थिति के बारे में जानकारी होगी।