लखनऊ। राज्य सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी देवीपाटन व अयोध्या मंडल के मदरसों में भ्रष्टाचार व नियुक्तियों का फर्जीवाड़ा नहीं रुक रहा है। दोनों मंडलों के अनुदानित मदरसों में जालसाज खुलेआम अपना खेल करते रहे। इन जालसाजों का शिकार तुलसीपुर के बाबा-ए-मिल्लत मुफ्ती अतीकुर्रहमान भी हुए। ये वही मुफ्ती अतीकुर्रहमान हैं जिन्होंने बलरामपुर में मदरसों को आधुनिक शिक्षा से जोड़कर युवकों को समाज को मुख्य धारा में शामिल करने की अलख जगाई थी। इनके दो मदरसों को प्रबंध
बलरामपुर में मदरसों की नींव रखने वाले मुफ्ती अतीकुर्रहमान को भी नहीं बख्शा
समिति के दस्तावेजों में हेराफेरी कर जालसाजों ने कब्जा कर लिया।
जालसाजों के सरगना खुर्शीद अहमद व उसके करीबी अहमदुल कादिरी अनोज अहमद अंसारी, मो. शाहिद सिराज अहमद, अब्दुल हा खां अनुदानित मदरसों की प्रबंध समितियों पर कब्जा कर अपने मंसूबों को अंजाम देने में कामयाब रहे प्रबंध समितियों को हथियाने के बाद गिरोह के लोग योग्य शिक्षकों को हटाकर अपने करीबियों की नियुक्ति करते थे। समितियों को कब्जाने के
महराजगंज में भी मनमाने तरीके से बढ़ाए सदस्य
मदरसा अहले सुन्नत या महराजगंज तराई के प्रबंध समिति के सदस्य रजा ने भी खुर्शीद अहमद पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि प्रबंध समिति के बिना बैठक किए ही फर्जी तरीके से शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई। सारा खेल अयोध्या में खुद के निर्देशान किया गया। प्रबंध समिति के अध्यक्ष तक को इसकी जानकारी नहीं थी। समिति में 45 सदस्यों के नाम जोड़ दिये गये। जानकारी होने पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग व डीएम से शिकायत की गई। इसके बाद फर्जी तरीके से नियुक्त शिक्षकों के वेतन को रोका गया। रावल के मुताबिक देवपाटन व अयोध्या मंडल के मदरसों में खुशीद अहमद का सीधा दखल है। बिना उसकी रजामंदी के कोई काम नहीं होता है जो प्रबंध समिति निरोध करती है उसे साजिश रचकर हटवा देता है।
लिए गिरोह के लोग जाली दस्तावेजों व दस्तखत के सहारे सदस्यों के नामों में फेरबदल करते थे, फिर शपथपत्र तैयार कराके करीबियों की नियुक्तियों का खेल करते थे। इसी खेल के सहारे
मुफ्ती अतीकुर्रहमान के मदरसों पर जालसाजों ने कब्जा कर लिया। इस खेल में डिप्टी रजिस्ट्रार फर्स सोसाइटी एवं चिट्स अयोध्या की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।