समस्तीपुर : बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा में तिरहुत एकेडमी केंद्र से पकड़े गए फर्जी परीक्षार्थी ने दूसरे की जगह परीक्षा में बैठने के लिए सेटर (बिचौलिए) से 1.40 लाख में डील की थी। इसमें 70 हजार का भुगतान भी हो चुका है। पुलिस की पूछताछ मैं उसने यह जानकारी दी।
गौरतलब है कि 25 अगस्त को प्रथम पाली में तिरहुत एकेडमी परीक्षा केंद्र के कमरा नंबर 10 में उत्तर प्रदेश निवासी हरि प्रकाश की जगह दूसरा परीक्षार्थी बैठा हुआ था। पूछताछ एवं सत्यापन में पता चला कि परीक्षा देने वाला अभ्यर्थी हरि प्रकाश नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के फरीदाबाद थाना क्षेत्र के वेनुआ गांव निवासी राम नारायण राय का पुत्र विजय कुमार राय है। वह प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र है। विजय ने पुलिस को बताया कि वह गांव के ही बिचौलिए कृष्णानंद पांडेय के कहने पर परीक्षा देने समस्तीपुर आया था। कृष्णानंद पांडेय को भी समस्तीपुर से ही गिरफ्तार कर लिया गया। हरि प्रकाश भी उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। उसके पता के बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है। एक दिन पहले भी फर्जी परीक्षार्थी ने दी थी परीक्षा 24 अगस्त को भी पहली पाली में फर्जी परीक्षार्थी ने परीक्षा दी थी। विभागीय सूत्रों का कहना
है कि पहले ही दिन बायोमीट्रिक मिलान में शक हुआ था। दूसरे दिन 25 अगस्त को प्रशासन मुस्तैद था। विजय को परीक्षा के लिए बैठने दिया गया। बताया गया कि उसने एडमिट कार्ड में अपनी तस्वीर लगाई थी। बायोमीट्रिक पद्धति से लगाए गए थंब इंप्रेशन में उसका निशान मैच नहीं कर रहा था।
इसकी सूचना बीपीएससी ने जिला प्रशासन को दी। जब उसका थंब इंप्रेशन लिया गया तो ओटीपी दूसरे नंबर पर गया। उस मोबाइलधारक से बात कर ट्रेसिंग की गईं तो सारा भेद खुल गया। पुलिस ने विजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया। केंद्राधीक्षक ने उसके खिलाफ नगर थाने में प्राथमिकी कराई थी।
इसके बाद कृष्णानंद पांडेय को भी गिरफ्तार कर लिया गया। शनिवार को दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।