झाँसी : अन्तर्जनपदीय शिक्षकों के स्थानान्तरण में पदस्थापना की प्रक्रिया चल रही है। पहले चरण में प्रधानाध्यापकों की ऑनलाइन पदस्थापना की गयी है। सहायक शिक्षकों की ऑनलाइन पदस्थापना 21 व 22 सितम्बर को होनी है। इस बीच, जनपद में हुई प्रधानाध्यापकों की पदस्थापना पर नियमों की अवहेलना के आरोप लगाए गए हैं। कहा गया है कि पदस्थापना से जनपद के शिक्षकों की वरिष्ठता प्रभावित हुई है। दूसरे जनपदों से आए शिक्षक, जो जनपद के कार्यरत
शिक्षकों की वरिष्ठता के बहुत नीचे शिक्षकों को जूनियर स्कूल में प्रधानाध्यापक बना दिया है.
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष / प्रान्तीय उपाध्यक्ष जितेन्द्र दीक्षित ने झाँसी जनपद में प्रधानाध्यापकों की हुई पदस्थापना की जाँच कराने के लिए महानिदेशक को प्रार्थना-पत्र भेजा है। इसमें कहा गया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण में आए 12 में से 3 प्रधान अध्यापकों की पदस्थापना नियमों के विपरीत की गयी है। दरअसल, झाँसी जनपद में वर्ष 1997 से शिक्षकों की पदोन्नति नहीं की गयी है। इसके बाद भी दूसरे जनपदों से आए प्रधानाध्यापकों को विद्यालय आवण्टन कर दिए. जिसकी 3 जनवरी 2000 तक पदोन्नति हुई है।
इससे जनपद में वर्ष 1997 से 2000 की अवधि के बीच के शिक्षकों को भी पदोन्नति की स्वाभाविक मांग उठ रही है। दूसरे जनपदों से आए जूनियर शिक्षकों को प्रापक बनाकर बीएसए कार्यालय ने जनपद के वरिष्ठ शिक्षकों के साथ भेदभाव किया है। इससे शिक्षकों की एक बार फिर वरिष्ठता की मांग की। इधर, विभागीय जानकार बताते हैं। कि शासन को भेजी गयी सूचना में जनपद में 2000 तक पदोन्नति देने की सूचना दी गयी है और इसी आधार पर जनपद में प्रधानाध्यापकों को स्थानान्तरित किया गया।