लखनऊ के सीएमएस स्कूल में बच्चे की अचानक हुई मौत ने आमजन के साथ ही डॉक्टरों को भी हैरत में डाल दिया है। डॉक्टरों के अनुसार इस तरह अचानक गिरकर हुई मौत को हार्ट फेल्योर मान लिया जाता है। हालांकि, यह बात गौर करने वाली है कि इस उम्र में हार्ट फेल्योर की आशंका कम होती है। इस तरह होने वाली अचानक मौत की वजह अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं।
पोस्टमार्टम के बाद छात्र का हृदय व विसरा जांच के लिए भेजा गया है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। छात्र के पेट पर काला निशान भी मिला है। सीएमएस के प्रवक्ता ऋषि खन्ना का कहना है कि आतिफ केमिस्ट्री की क्लास के दौरान अचानक बेहोश हो गया।
स्कूल के टीचर व नर्स कार से उसे पास के आरुशी मेडिकल सेंटर ले गए। उसके पिता को भी फोन से जानकारी दे दी गई। वह भी आरुशी मेडिकल सेंटर पहुंचे। वहां डॉक्टर ने बच्चे को सीपीआर दिया, लेकिन होश नहीं आया।
डॉक्टर ने हार्ट अटैक की आशंका जताते हुए उसे लारी कार्डियोलॉजी रेफर किया। ऑक्सीजन सपोर्ट पर एंबुलेंस से लारी कार्डियोलॉजी ले जाया गया। लारी के प्रवक्ता डॉ. अक्षय प्रधान ने बताया कि बच्चे की इमरजेंसी में पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी थी।
स्कूल ने बताईं अलग-अलग बातें : पिता
आतिफ के पिता मो. अनवर सिद्दीकी ने स्कूल पर सवाल उठाए। कहा, मेरे पास फोन आया कि आतिफ की तबीयत खराब है। उसे लेकर आरुशी मेडिकल सेंटर लेकर जा रहे हैं। अनवर ने कहा कि स्कूल की ओर से दो अलग-अलग बातें बताई गईं।
पहली टीम ने कहा कि आतिफ उस समय क्लास में था जब यह घटना घटी। दूसरी टीम का कहना था घटना के समय वह ग्राउंड पर था। अनवर के अनुसार, आतिफ की आंखें लाल थीं और पूरा शरीर पीला पड़ गया था।
बच्चे की मौत से डॉक्टर भी हैरान, हार्ट की जांच से खुलेगी गुत्थी
सीएमएस स्कूल में बच्चे की अचानक हुई मौत ने आमजन के साथ ही डॉक्टरों को भी हैरत में डाल दिया है। डॉक्टरों के अनुसार इस तरह अचानक गिरकर हुई मौत को हार्ट फेल्योर मान लिया जाता है। हालांकि, यह बात गौर करने वाली है कि इस उम्र में हार्ट फेल्योर की आशंका कम होती है। इस तरह होने वाली अचानक मौत की वजह अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं।
इसलिए पोस्टमार्टम में यदि वजह साफ नहीं होती है तो फिर विसरा और हार्ट की जांच से ही स्थिति स्पष्ट हो सकती है। डॉक्टरों के अनुसार इस उम्र में दिल का दौरा पड़ने या फेल होने की आशंका कम रहती है, लेकिन आनुवांशिक बीमारी इसका कारण जरूर बन सकती है। इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट नाम की दिल की बीमारी में मरीज की धड़कन तेज हो जाती है।
चिकित्सीय भाषा में इसे इलेक्ट्रिकल इम्बैलेंस कहते हैं। इसमें भी मरीज की अचानक मौत हो सकती है। ऐसी मौत भी व्यायाम या फिर ज्यादा मेहनत करने के समय ही होती है। दिल की जन्मजात बीमारियां, या कोई दूसरी समस्या भी जानलेवा हो सकती है।
इसलिए बच्चे की हिस्ट्री के साथ ही पारिवारिक इतिहास की जानकारी अहम है। कोलेस्ट्रॉल की गड़बड़ी भी इस तरह की मौत का कारण बन सकती है। कोलेस्ट्रॉल में गड़बड़ी होने पर भी सीने में दर्द, जकड़न या दबाव के साथ ही थकान और कमजोरी के लक्षण जरूर नजर आएंगे।
‘उसको सांस लेने में दिक्कत हुई’
छात्र जब क्लास में था, उसी दौरान उसको सांस लेने में दिक्कत हुई। फिर वह बेहोश हो गया। जब अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम कराया गया, लेकिन मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। विसरा और हार्ट जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है। इसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।- एआर शंकर, एडीसीपी नॉर्थ