लखनऊ। प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत 1.30 लाख शिक्षामित्रों को दो माह से मानदेय नहीं मिला है। इससे उनके सामने भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है। उप्र बीटीसी शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यालय पर बृहस्पतिवार को हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने सरकार से मांग की कि शिक्षामित्रों के मानेदय का अविलंब भुगतान किया जाए। उन्होंने बताया कि कुछ जिलों में जुलाई तो कुछ जगह अगस्त का भुगतान नहीं हुआ है, जबकि सितंबर भी समाप्त होने वाला है।
उन्होंने कहा कि नियमित शिक्षकों को एक-दो तारीख को वेतन जारी हो जाता है। लेकिन शिक्षामित्र मात्र 10 हजार रुपये पाते हैं, उनको दो-तीन महीने बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने जल्द मानदेय भुगतान करते हुए बिहार, राजस्थान की भांति शिक्षामित्रों को भी समायोजित करने की मांग की। अनिल ने कहा कि आए दिन शिक्षक निदेशालय पर जिले के अंदर पारस्परिक तबादले के लिए ज्ञापन दे रहे हैं, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। इसे जल्द पूरा किया जाए। महामंत्री संदीप दत्त ने कहा कि विद्यालय अवधि के बाद शिक्षकों की बीआरसी की बैठकों पर रोक लगाई जाए। बैठक में विनय सिंह यादव, धर्मेंद्र यादव, अमित सिंह, अजित सिंह, श्याम सिंह, विद्या निवास, राकेश पांडेय आदि शामिल हुए।