डीएम के अनुमोदन पर जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जारी किया आदेश
मैनपुरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका वेलफेयर एसोसिएशन की प्रदेश उपाध्यक्ष सरिता शाक्य को बर्खास्त कर दिया गया है। दो माह पहले सोशल मीडिया के माध्यम से टिप्पणी की गई थी। शिकायत के बाद हुई जांच में दोषी साबित होने पर जिलाधिकारी के अनुमोदन पर जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया।
बेवर के गांव मानपुर हरी निवासी सरिता शाक्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर तैनात थीं। साथ ही वे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका वेलफेयर एसोसिएशन की प्रदेश उपाध्यक्ष और जिलाध्यक्ष भी थीं। उन्होंने वाट्सएप ग्रुप पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ढोंगी बाबा कहने के साथ जूते मारने की अभद्र टिप्पणी की थी। एक शिकायत पर प्रशासन ने संज्ञान लेकर मामले की जांच कराई। जांच में सभी तथ्य सरिता
पदीय दायित्वों में लापरवाही का भी है आरोप
सरिता शाक्य पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पदीय दायित्वों का निर्वाह न किए जाने का भी आरोप है। सरिता शाक्य की तैनाती मानपुर हरी स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर थी, लेकिन वह केंद्र पर नहीं पहुंचती थीं। कई बार तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी की ओर से इस संबंध में नोटिस भी जारी किए गए। लेकिन न तो नोटिस का जवाब दिया गया और न ही कार्यशैली में सुधार किया गया। सरिता शाक्य की बर्खास्तगी में ये बिंदु भी काफी अहम रहा।
शाक्य के विरुद्ध मिले। इसके बाद उनसे पहले नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया, लेकिन वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सकीं। इसके बाद जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई के लिए भी मौका दिया। इस दौरान भी सरिता शाक्य यह साबित नहीं कर पाई कि उक्त अभद्र टिप्पणी उन्होंने नहीं की थी। साथ ही कार्य में
दो माह पहले पुलिस ने भेजा था जेल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सरकार पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी ज्योती शाक्य ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका वेलफेयर एसोसिएशन की प्रदेश उपाध्यक्ष व जिलाध्यक्ष सरिता शाक्य के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर 28 जून को बेवर थाने में दर्ज कराई गई थी। इसके बाद 30 जून को पुलिस ने सरिता शाक्य को गिरफ्तार कर एसडीएम न्यायालय भोगांव में पेश किया था, यहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था।
लापरवाही के भी आरोप उन पर थे। इसके चलते मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार और जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने उन्हें दोषी मानते हुए बर्खास्त करने की संस्तुति की। उच्चाधिकारियों के अनुमोदन पर जिला कार्यक्रम अधिकारी सुप्रिया गुप्ता ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरिता शाक्य का बर्खास्तगी आदेश जारी कर दिया।