पत्र सूचना शाखा
(मुख्यमंत्री सूचना परिसर)
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, उ0प्र0
मुख्यमंत्री ने ‘पी0एम0 श्री’ योजना के अन्तर्गत
विद्यालयों के विकास कार्यों की समीक्षा की
श्रमिकों के पाल्यों और निराश्रित बच्चों की गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए ‘अटल आवासीय विद्यालयों‘ की स्थापना के बाद प्रदेश के 57 जनपदों में सर्वसुविधायुक्त ‘मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालयों’ की स्थापना तथा सभी 75 जनपदों में एक-एक कम्पोजिट विद्यालय को मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट
विद्यालय के रूप में उच्चीकृत करने का निर्णय
प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12वीं तक के लिए हर जनपद
में एक सर्वसुविधायुक्त विद्यालयों की स्थापना की
दिशा में आगे बढ़ना होगा : मुख्यमंत्री
मॉडल कम्पोजिट विद्यालय का परिसर 5-10 एकड़ का हो, इसके लिए
सम्बन्धित जनपदों में भूमि का चिन्हांकन यथाशीघ्र पूरा कर लिया जाए
विद्यालय परिसर में प्रधानाचार्य, शिक्षक संवर्ग व अन्य स्टाफ के लिए आवासीय सुविधा प्रदान की जाए, विद्यालय में विश्वस्तरीय अवस्थापना सुविधाएं मुहैया कराई जाए
‘पी0एम0 श्री’ योजनान्तर्गत भारत सरकार के
सहयोग से प्रदेश के 1,725 शासकीय विद्यालयों का चयन
प्रथम चरण में विकास के लिए चयनित 272 प्राथमिक परिषदीय, 570 कम्पोजिट परिषदीय तथा 82 माध्यमिक विद्यालयों का निर्माण कार्य
आगामी दिसम्बर माह तक पूरा करा लिया जाए
‘पी0एम0 श्री’ योजना के अन्तर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सिद्धान्तों के अनुरूप चरणबद्ध रूप से इन विद्यालयों में अल्ट्रा मॉडर्न तकनीकी व
डिजिटल शिक्षा व्यवस्था का विकास किया जाए
प्रदेश में संचालित 24 हजार कंपोजिट विद्यालयों (प्री प्राइमरी से कक्षा 08)
से 75 विद्यालयों का चयन कर उन्हें मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट
विद्यालय के रूप में चरणबद्ध रूप से उच्चीकृत किया जाए
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध कराने में सी0एस0आर0 अथवा जनप्रतिनिधियों द्वारा प्राप्त सहायता उपयोगी सिद्ध हुई, शासन स्तर से ऐसे 250 श्रेष्ठ परिषदीय कम्पोजिट विद्यालयों का उच्चीकरण किया जाए
अन्तरराज्यीय/अन्तरराष्ट्रीय मार्गों के निकट
अवस्थित विद्यालयों का उच्चीकरण कराया जाए
लखनऊ : 29 सितम्बर, 2023
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में ‘पी0एम0 श्री’ योजना के अन्तर्गत विद्यालयों के विकास कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी ने श्रमिकों के पाल्यों और निराश्रित बच्चों की गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए ‘अटल आवासीय विद्यालयों‘ की स्थापना के बाद प्रदेश के 57 जनपदों में सर्वसुविधायुक्त ‘मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालयों’ की स्थापना तथा सभी 75 जनपदों में एक-एक कम्पोजिट विद्यालय को मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालय के रूप में उच्चीकृत करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के 18 मण्डलों में अटल आवासीय विद्यालयों का संचालन प्रारम्भ हो चुका है। अब हमें प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12वीं तक के लिए हर जनपद में एक सर्वसुविधायुक्त विद्यालयों की स्थापना की दिशा में आगे बढ़ना होगा। उन्होंने अटल आवासीय विद्यालयों से आच्छादित जनपदों के अतिरिक्त शेष 57 जनपदों में एक-एक ‘मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय’ की स्थापना की तैयारी करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देर्शित किया कि मॉडल कम्पोजिट विद्यालय का परिसर 5-10 एकड़ का हो। इसके लिए सम्बन्धित जनपदों में भूमि का चिन्हांकन यथाशीघ्र पूरा कर लिया जाए। प्रारम्भिक रूप में यहां हर कक्षा के लिए न्यूनतम 03 सेक्शन की व्यवस्था की जाए। विद्यालय परिसर में प्रधानाचार्य, शिक्षक संवर्ग व अन्य स्टाफ के लिए आवासीय सुविधा प्रदान की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विद्यालय में विश्वस्तरीय अवस्थापना सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। प्रत्येक कक्षा कक्ष हेतु स्मार्ट क्लास, रोबोटिक्स व मशीन लर्निंग सेण्टर की व्यवस्था की जाए। कक्षा-01 से 08 हेतु कम्पोजिट विज्ञान व गणित प्रयोगशाला, कक्षा-09 से 12 हेतु रसायन, भौतिकी विज्ञान हेतु माड्यूलर प्रयोगशाला, कम्प्यूटर लैब एवं लैंग्वेज लैब, कक्षा-01 से 08 एवं कक्षा-09 से 12 हेतु पृथक-पृथक पुस्तकालय, विशाल खेल का मैदान व ओपन जिम के साथ मल्टीपल एक्टीविटी हॉल, सोलर पैनल एवं वर्षा जल संचयन इकाई की स्थापना, वॉटर प्लान्ट, मिड-डे-मील किचन व डायनिंग हॉल, वॉशिंग एरिया, मल्टीपल हैण्डवाशिंग यूनिट की एकीकृत व्यवस्था, आधुनिक अग्निशमन यंत्र एवं ऑनलाइन सी0सी0टी0वी0 कैमरों की सुविधा से लैस किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा बेसिक शिक्षा में व्यापक सुधार के उद्देश्य से ‘पी0एम0 श्री’ (प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया) योजना की घोषणा की गई है। इस योजनान्तर्गत भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश के 1,725 शासकीय विद्यालयों का चयन किया गया है। प्रथम चरण में विकास के लिए चयनित 272 प्राथमिक परिषदीय विद्यालय, 570 कम्पोजिट परिषदीय विद्यालय तथा 82 माध्यमिक विद्यालय भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी आवश्यक निर्माण कार्य आगामी दिसम्बर माह तक पूरा करा लिया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘पी0एम0 श्री’ योजना के अन्तर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सिद्धान्तों के अनुरूप चरणबद्ध रूप से इन विद्यालयों में अल्ट्रा मॉडर्न तकनीकी व डिजिटल शिक्षा व्यवस्था का विकास किया जाना है। इन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, आई0सी0टी0 लैब, लैंग्वेज लैब, विज्ञान प्रयोगशाला, अटल टिंकरिंग लैब स्थापित होंगी। साथ ही सोलर पैनल, एल0ई0डी0 लाइटिंग, ऊर्जा कुशल संसाधन, पोषण वाटिका, वेस्ट मैनेजमेण्ट, जल संरक्षण आदि के माध्यम से इन्हें ग्रीन स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। स्किल हब सेंटर का विकास होगा। इससे प्रदेश के बच्चों को अच्छी सुविधा सुलभ कराने में बड़ी सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में संचालित 24 हजार कम्पोजिट विद्यालयों (प्री प्राइमरी से कक्षा 08) से 75 विद्यालयों का चयन कर उन्हें मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालय के रूप में चरणबद्ध रूप से उच्चीकृत किया जाए। इन मुख्यमंत्री अभ्युदय विद्यालयों में 05 कक्षा-कक्षों से युक्त अभ्युदय ब्लॉक, मिड डे मील शेड, बाल वाटिका, पोषण वाटिका, सुरक्षाकर्मी की तैनाती, बाल सुलभ फर्नीचर, मॉड्यूलर डेस्क बेंच, वाई-फाई व सी0सी0टी0वी0 की सुविधा प्रदान की जाए। इन विद्यालयों के लिए पूर्व से कार्यरत शिक्षकों में से उत्कृष्ट शिक्षकों की प्रमाणिकता आधारित तैनाती की जाए। चयन के लिए कम्प्यूटर आधारित टेस्ट किया जाना चाहिए। यहां लर्निंग बाई डूइंग मॉडल के माध्यम से बच्चों के मध्य कौशल व उद्यमिता विकास के अवसर उपलब्ध कराए जाएं। इससे 26 लाख छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध कराने में सी0एस0आर0 अथवा जनप्रतिनिधियों द्वारा प्राप्त सहायता उपयोगी सिद्ध हुई है। यद्यपि अब भी कई विद्यालयों के लिए विशेष प्रयास किया जाना आवश्यक है। शासन स्तर से ऐसे 250 श्रेष्ठ परिषदीय कम्पोजिट विद्यालयों का उच्चीकरण किया जाए। इन्हें लैंग्वेज लैब, स्मार्ट क्लास, सुरक्षा कर्मी, मॉड्यूलर साइंस लैब, रोबोटिक्स व मशीन लर्निंग लैब आदि की सुविधा से युक्त बनाया जाए। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में इसका क्रियान्वयन व अनुश्रवण किया जाए।