फिरोजाबाद। थाना एका में स्कूल में बच्ची का देखने आए मामा को लोगों ने अपहरणकर्ता समझकर पुलिस को बुला लिया। पुलिस ने युवक से बातचीत कर छोड़ दिया।
गांव ककरारा निवासी शिवराज सिंह के साले की आठ वर्षीय पुत्री सौम्या परिषदीय विद्यालय में शिक्षारत है। मंगलवार दोपहर एटा के नगला खिल्ली निवासी सुनील स्कूल पहुंचा। प्रधानाध्यानक से सौम्या से मिलाने को कहा। प्रधानाचार्य के रुख को देखकर उसने रौब भी झाड़ा। इसके बाद जबरन युवक सुनील सौम्या को ले जाने लगा। शिक्षकों ने इसका विरोध किया, तभी कुछ ग्रामीणों ने पुलिस को बुला लिया। पुलिस ने युवक से बात की। तब पता चला कि वह बच्ची का मामा है। वहीं सौम्या की बुआ नीतू ने उसपर आरोप लगाए हैं। एका थाना प्रभारी अंजीश कुमार सिंह ने बताया कि युवक बच्ची का मामा है। बच्ची की मां की मौत के बाद परिवार के लोगों को दस साल की सजा हो चुकी है। वह भांजी से मिलने आया था, उसकी बुआ व अन्य लोग झूठे मुकदमा में फंसाने के लिए साजिश रच रहे हैं।
मां की मौत के बाद बुआ के पास रहती है सौम्या
बच्ची की बुआ नीतू के अनुसार वर्ष 2015 में भाई अतुल की शादी सुमन से हुई थी। 2017 में सुमन की मौत के बाद ससुरालियों ने मुकदमा पंजीकृत करा दिया। उसमें पिता राजेंद्र सिंह, मां जयवंती, भाई अतुल और बहन राशि जेल में सजा काट रहे हैं। तभी से सौम्या उसके पास रहती है। सौम्या का मामा झूठे मुकदमे में फंसाने के इरादे से स्कूल पहुंचा था।