कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पीएफ खाते से धन निकासी की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। अब क्षेत्रीय कार्यालय धन निकासी के दावों को एक से अधिक बार खारिज नहीं कर पाएंगे। साथ ही दावों को निर्धारित समय में निपटाना होगा। इसे लेकर नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
स्पष्ट कारण बताना होगा इस संबंध में ईपीएफओ को शिकायतें मिल रही थीं, जिस पर संगठन ने संज्ञान लिया है। क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश जारी करते हुए यह सुनिश्चित करने का कहा है कि निकासी दावे पर जल्द से जल्द काम किया जाए। एक ही दावे को कई आधारों पर खारिज न किया जाए। प्रत्येक दावे को पहली बार में ही पूरी तरह से जांचा जाए। यदि उसे खारिज किया जाता है तो उसका स्पष्ट कारण सदस्य को बताया जाए। ईपीएफओ के छह करोड़ से अधिक सदस्य हैं।
एक सप्ताह में आता है पैसा
धन निकासी के लिए ईपीएफओ की वेबसाइट पर आवेदन करना होता है। निकासी दावे को संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय की मंजूरी जरूरी होती है। प्रक्रिया तीन दिन में पूरी होती है और एक हफ्ते में पैसा खाते में आ जाता है।
कब कर सकते हैं निकासी
पीएफ खाते में जमा राशि को आंशिक रूप से या पूरी तरीके से निकाला जा सकता है। जब कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जाता है या लगातार दो महीने से अधिक समय तक बेरोजगार रहता है तब पूरा पैसा निकाला जा सकता है। वहीं, आपात चिकित्सा, शादी, होम लोन भुगतान जैसी परिस्थितियों में भी आंशिक निकासी की अनुमति होती है।
यह होती हैं शर्तें
● कम से कम सात वर्ष की सदस्यता होनी अनिवार्य है
● निकासी की राशि ब्याज सहित कुल अंशदान से 50 प्रतिशत से अधिक नहीं चाहिए
● विवाह और शिक्षा के लिए तीन से अधिक निकासी नहीं की होनी चाहिए
जिम्मेदारी तय की
ईपीएफओ ने यह भी साफ तौर पर कहा है कि क्षेत्रीय या अतिरिक्त पीएफ आयुक्त अपने अधिकार क्षेत्र में दावों की अस्वीकृति के लिए जिम्मेदार होंगे। क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वे हर महीने अस्वीकृति दावों की एक रिपोर्ट समीक्षा के लिए भेजें।