किशोरावस्था में दिग्भ्रमित होकर नशे की लत में पड़ने वाले बच्चों को बचाने के लिए पहल हुई है। इसके लिए माध्यमिक स्कूल और सजग होंगे। स्कूलों में प्रहरी क्लब का गठन होगा। नशामुक्त शिक्षक को क्लब का प्रभारी मनाया जाएगा। विद्यालय परिवेश से लेकर आसपास सौ मीटर परिधि को यह क्लब नशामुक्त बनाएगा।
11-12 वर्ष की आयु में बच्चे कक्षा छह में प्रवेश लेते हैं। इसके बाद स्कूल समय में अभिभावक से पूरी तरह दूर रहते हैं। इसी आयु में कई बार बच्चे शौक में पान मसाला, सिगरेट समेत नशीले पदार्थों का चोरी-छिपे सेवन शुरू कर देते हैं। धीरे-धीरे यह शौक लत में बदल जाता है। इसके बाद नशे की लत छुड़वा पाना काफी कठिन हो जाता है।
कम उम्र में नशीले पदार्थों का सेवन शुरू करने से उनके मस्तिष्क समेत शरीर के अन्य भाग पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। शिक्षा विभाग इसको लेकर सजग हो गया है। स्कूलों में प्रहरी क्लब बच्चों को नशे से दूर रखने का काम करेगी।
अभिभावक भी होंगे क्लब के सदस्य माध्यमिक स्कूल में प्रहरी क्लब में शिक्षक के अलावा छात्र व अभिभावक भी शामिल होंगे।
सभी माध्यमिक स्कूलों में तीन दिन मैं प्रहरी क्लब गठन करने को कहा गया है। इसके सभी सदस्यों की जिम्मेदारी तय की गई है। प्रहरी क्लब पूरी तरह नशमुक्ति पर काम करेगा। राजकीय इंटर कालेज के प्रवक्ता को इस कार्यक्रम का नोडल अधिकारी नमित किया जाएगा.
- मिथलेश कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक, श्रावस्ती।