लखनऊ। प्रदेश के कोषागार ऑनलाइन हैं। यहां वेतन- पेंशन से लेकर बजट की स्वीकृतियों से लेकर बिलों के भुगतान तक सॉफ्टवेयर से हो रहे हैं। इसके बावजूद तमाम तरह के फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं। प्रधान महालेखाकार ने कोषागार के 2022- 23 के कार्यों की पड़ताल कराई। इसमें चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। पता चला है कि तमाम कर्मचारियों के नाम, उनके पिता के नाम व जन्मतिथि एक ही दर्ज हैं। इसके बावजूद इन्हें भुगतान किया जा रहा है।
इसी तरह कई कर्मचारियों की जन्मतिथि व कार्यभार ग्रहण करने की तिथि का अंतर 18 वर्ष से कम या 60 वर्ष से ज्यादा है। बिना बिल भुगतान किए जाने व बिना बजट आवंटन के राशि खर्च के लिए स्वीकृत करने के मामले भी उजागर हुए हैं। महालेखाकार की ओर से ऐसे तमाम तरह के मामलों का खुलासा करते हुए प्रकरण शासन को संदर्भित कर आवश्यक जांच व कार्रवाई के लिए कहा गया है।
70 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की न जीपीएफ कटौती हो रही न एनपीएस
कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन से जीपीएफ अथवा एनपीएस से संबंधित अंश की कटौती की जानी चाहिए। फरवरी में 71,863 व मार्च में 73,725 कर्मचारियों को भुगतान की गई राशि में से जीपीएफ या एनपीएस की कटौती नहीं की गई।