लखनऊ, । राज्य सरकार ने न्यायाधीश पीवी रेड्डी की अध्यक्षता में गठित द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (एसएनजेपीसी) द्वारा की गई संस्तुति के आधार पर जजों और न्यायिक अधिकारियों को पारिवारिक पेंशन व ग्रेच्यूटी देने का फैसला किया है। अपर मुख्य सचिव नियुक्ति डा. देवेश चतुर्वेदी ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है।
शासनादेश में कहा गया है कि 19 मई 2023 को इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के आधार पर यह फैसला किया गया है। एक जनवरी 2016 या उसके बाद सेवानिवृत्त होने वाले जजों व न्यायिक अधिकारियों की पेंशन सेवानिवृत्त के
समय अंतिम आहरित का 50 फीसदी होगी। सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों का पेंशन निर्धारण की प्रक्रिया भी तय कर दी गई है। पेंशन पुनरीक्षण के लिए भी 2.81 के गुणांक के आधार पर किया जाएगा। पेंशनर की पेंशन, फिटमेंट टेबल के उचित स्तर पर रखते हुए निर्धारित किया जाएगा। पारिवारिक पेंशन का निर्धारण उसी तरीके से किया जाएगा, जैसे पेंशन का निर्धारण किया जाता है। 30 हजार प्रति माह से कम आय प्राप्त करने वाले आश्रित (पति व पत्नी जैसी भी स्थिति हो को छोड़कर) पारिवारिक पेंशन पाने के लिए पात्र होगा। पेंशन व पारिवारिक पेंशन भोगियों के लिए अतिरिक्त पेंशन की व्यवस्था उम्र के आधार पर की गई है। 75 से अधिक और 80 से कम होने पर पुनरक्षित मूल पेंशन व पारिवारिक पेंशन का 20 प्रतिशत दिया जाएगा।