मुजफ्फरनगर। पुरकाजी ब्लॉक के गांव ताजपुर के परिषदीय स्कूल के छात्रों से ईंट ढुलवाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया। वीडियो वायरल होने के बाद गुस्साए अभिभावक अपने बच्चों को लेकर डीएम कार्यालय पहुंचे। यहां पर बच्चों ने आरोप लगाया कि ईंट ढुलवाने का कार्य ग्राम प्रधान और उनके अध्यापक ने कराया था।
जूनियर हाईस्कूल और प्राथमिक विद्यालय ताजपुर कलां के छात्रों से श्रमिकों की तरह कार्य कराए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद शुक्रवार को गुस्साए अभिभावक अपने बच्चों को लेकर कलक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने डीएम से मिलकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की। वहीं कक्षा सात के छात्र देव ने कहा कि ग्राम प्रधान शक्ति मोहन विद्यालय में आए थे, उन्होंने अध्यापक से कहकर बच्चों को बुलाया था और उनसे ईंट ढुलवाई थी। छात्र का कहना है कि विद्यालय में पढ़ाने के बजाए अधिकांश बच्चों से निजी कार्य कराया जाता है। छात्र प्रियांश ने कहा कि प्रधान ने चार से पांच बच्चों को कार्य करने के लिए बुलवाया था। जिसके बाद मंदिर में बच्चों से ईंट ढुलवाने का कार्य किया गया।
ग्रामीण मैनपाल सिंह ने कहा कि बच्चों से ईंट ढुलवाने का वीडियो देखा था, जिसके बाद अध्यापक और प्रधान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस तरह का कार्य तो करा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि स्कूल टाइम में अध्यापक की जिम्मेदारी होती है, लेकिन उन्होंने प्रधान के कहने पर बच्चों को काम कराने के लिए भेज दिया, इसमें अध्यापक की गलती है। कार्रवाई होनी चाहिए। इस मौके पर अभिभावक संदीप कुमार, बालेश्वर, प्रवीण, अमित कुमार, बलजोरा, शिवकुमार, अशोक और विजय सिंह के अलावा छात्र गणेश वर्धन, सिद्धार्थ, राज, अनिकेत, आर्य वंश, कोटल और बनित मौजूद रहे।
स्कूली छात्रों से श्रमिकों की तरह कार्य कराए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद ताजपुर के ग्राम प्रधान शक्ति मोहन ने भी वीडियो जारी कर सफाई दी थी। उन्होंने कहा था कि उनके विरोधियों ने यह वीडियो बनाकर वायरल किया है। जिससे उनकी छवि खराब हो। जबकि वह तो मंदिर में पूजा करने के लिए गए थे, वहां पर बच्चे ग्रामीणों के साथ स्वेच्छा से कार्य कर रहे थे।
जांच के लिए बनाई कमेटी : डीएमडीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने कहा कि बृहस्पतिवार शाम को स्कूली बच्चों से कार्य कराए जाने का वीडियो वायरल हुआ था। जिसकी जांच के लिए ज्वाइंट कमेटी बनाई गई है। कमेटी में शामिल बीएसए, मनरेगा के जिला समन्वयक और प्रशासनिक अधिकारी पूरे मामले की जांच करेंगे। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।