ट्रांसफ़र मुद्दा ~
कई लोग इस सवाल को मुझसे करते हैं कि सरकार ने जो हलफ़नामा दाख़िल किया है उसमें WP (c) 25238/2018 Reena Singh Vs State of UP में हुए निर्णय के अनुसार Rule 21 of 2011 में DM को power है sanctioned strength को बताने का BSA को नहीं।
इसका तोड़ यही है कि पहले तो इन्होंने दस फ़ीसदी ट्रांसफ़र नहीं किये जो ये ख़ुद कहकर चले थे और जो जिले शून्य किये हैं क्या उनके DM से या BSA से जानकारी ली ये तो शासन स्तर पर ही बिना किसी तैयारी के जिले शून्य कर दिये थे और फिर गौतमबुद्ध नगर के BSA से क्यों पूछा कि जिले में कितनी रिक्तियाँ हैं या प्रमोशन के समय में BSA से क्यों पूछ रहे हो?
अब बात करते हैं इसके तोड़ की तो मंत्री जी भरे सदन में शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों के प्रति दोहरा stand अपना रहे हैं कि उनको सम्मिलित करते हुए भी विभाग में रिक्तियाँ तो उनको शिक्षक कैसे मान सकते हो आप और फिर अगले ही दिन उन्हें संविदा कर्मी भी मान रहे हो जो कि RTE act का उल्लंघन है, एक तरफ़ तो अनुपात बराबर करने के लिए वे शिक्षक हैं और दूसरी तरफ़ वे संविदा कर्मी है ।
दूसरा तोड़ ये है कि शासन भर्ती के लिए SANCTIONED posts का जायज़ा लेने के लिए DM से रिक्तियाँ माँग सकता है जबकि Working और Vacant posts का ब्यौरा तो BSA ही देंगे और उनके द्वारा आर॰टी॰आई॰ (जो कि एक act है हवहवाई नहीं) से दी गई सूचना अपने आप में एक EVIDENCE है।
इनके द्वारा किया गया ये कार्य केवल द्वेष को दिखता है आप ख़ुद सोचिये जो जिले शून्य किये हैं वहाँ कितनी डिमांड रहती है और PS, UPS के मिलाकर पच्चीस फ़ीसदी शिक्षक अन्य जिलों में हैं अगर ये तरीक़े से जिलों में रिक्तियाँ दिखाते और ट्रांसफ़र करते तो जिन जिलों में शिक्षक कार्यरत हैं वहाँ स्कूल ख़ाली हो जाते , ये तो अभी सोलह हज़ार में ही अपने देखा होगा एकल विद्यालय ख़ाली हो गए थे।
देखिये इस लड़ाई को लोगों के साथ मिलकर लड़ रहा हूँ और समय लगेगा इसमें लेकिन इनकी फ़ज़ीहत होनी तय है फ़िलहाल DM के लिए आपको RTI बनाकर दे रहा हूँ इसको फ़ाइल कीजिए DM और BSA के यहाँ दोनों जगह जहाँ भी PS और UPS में पद शून्य किये हो।
RTI जैसे लिखी है वैसी ही लिखना
कार्य सबके मिलकर करने से होगा अकेले से नही
जुड़ने के लिए
HIMANSHU RANA
9927035996