लखनऊ। समाज कल्याण विभाग के जनजाति विकास विभाग के अंतर्गत कार्यरत आश्रम पद्धति विद्यालयों के शिक्षकों ने रविवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी से मुलाकात कर अपने साथ हो रहे उत्पीड़न से अवगत कराया।
संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने बताया कि जनजाति विकास विभाग के स शिक्षकों की संविदा समाप्त कर दी गई है।
संविदा समाप्त करने के पीछे अधिकारियों की मनमानी बताई जा रही है। 16 वर्षों से शत प्रतिशत परिणाम देने वाले शिक्षक की संविदा सिर्फ इसलिए समाप्त कर दी गई है कि उसकी कक्षा में इस वर्ष एक छात्र फेल हो गया है। उन्होंने कहा कि परिषद ने जनजाति विकास विभाग के संविदा शिक्षकों की समस्याओं से मंत्री व प्रमुख सचिव को भी अवगत कराया है, लेकिन उत्पीड़न से राहत नहीं मिली है।