केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उनके ग्राहक अपने वारिस (नॉमिनी) को नामित करें। ऐसा करने से बिना दावे वाली जमा की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में कहा कि बैंकिंग प्रणाली, म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार हर कोई यह ध्यान रखे कि जब कोई ग्राहक पैसे का लेनदेन करता है, तो संगठनों को भविष्य के बारे में सोचना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने वारिस का नाम और पता दें।
एक रिपोर्ट के अनुसार, केवल बैंकिंग प्रणाली में 35,000 करोड़ रुपये से अधिक ऐसी राशि है जिसके दावेदार नहीं हैं। आरबीआई ने ऐसी राशि की खोज और दावा करने में मदद करने के लिए एक केंद्रीकृत वेब पोर्टल उद्गम की 17 अगस्त को शुरुआत की है।
डीमैट, म्यूचुअल फंड का पंजीकरण काफी बढ़ा
वित्त मंत्री ने कहा बीते चार साल के दौरान डीमैट खातों की संख्या दोगुना से ज्यादा बढ़ गई है। साल 2019 में यह संख्या 4.1 करोड़ थी जो अब बढ़कर 10 करोड़ हो गई है। इसी तरह, म्यूचुअल फंड और एसआईपी में भी रिकॉर्ड लोगों ने रुचि दिखाई है। जुलाई 2023 में म्यूचुअल फंड उद्योग में मासिक प्रवाह 15,245 करोड़ रुपये के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया।
क्रिप्टोकरंसी के लिए नियम बनाए जाएं
वित्त मंत्री ने कहा कि साइबर खतरों, क्रिप्टो नियमों और टैक्स चोरी सहित तमाम तरह के वित्तीय खतरों से निपटने के लिए एक जिम्मेदार वित्तीय प्रणाली तैयार होना बेहद जरूरी और महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि साइबर खतरों की ओर हमें ध्यान देने की जरूरत है, क्रिप्टो एक खतरा और मौका दोनों है, लेकिन कानूनों के लिए वैश्विक सहयोग की जरूरत है।