कुशीनगर, बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित परिषदीय विद्यालय समेत माध्यमिक शिक्षा परिषद से संचालित राजकीय व एडेड विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी है। शिक्षकों की कमी से जूझ रहे इन स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था बेपटरी होने लगी है। बेसिक के बिना शिक्षक वाले कुछ स्कूलों में दूसरे स्कूल से शिक्षकों को अटैच कर काम चलाया जा रहा है। वहीं माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के अभाव में कक्षाएं जैसे तैसे चल रही हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद से जिले में प्राथमिक 1640, उच्च प्राथमिक 286 संविलयन 538 को मिलाकर कुल 2464 विद्यालय संचालित हैं। इन स्कूलों में 2.88 लाख बच्चों का नामांकन है। इनका पढाने के लिए 6542 शिक्षक तैनात हैं। इनके अलावा अनुदेश व शिक्षामित्र को मिलाकर यह संख्या करीब दस हजार पहुंच जायेगी। पिछले सितंबर माह हुये अंतरजनदीय तबादले में 637 शिक्षकों को जिले से बाहर स्थानांतरण हो गया। वहीं बाहर से आने वाले शिक्षकों की संख्या काफी कम रही है। दूसरे जिलों से कुशीनगर को सिर्फ 56 शिक्षक ही मिले हैं। ज्यादा संख्या में शिक्षकों के जाने का असर हुआ कि जिले में करीब डेढ सौ जूनियर स्कूल व करीब 465 प्राथमिक एकल शिक्षकों के भरोसे संचालित हो रहे हैं। वहीं पडरौना ब्लॉक में 15 प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं, जो एकल हैं तथा 24 स्कूलों में एक शिक्षक व शिक्षामित्र की तैनाती है। शिक्षकों की कमी के चलते परिषदीय स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था पर असर पड़ा है। पडरौना ब्लॉक के दो विद्यालय शिक्षक विहिन हैं। इन विद्यालयों को बगल के विद्यालय से शिक्षकों को अटैच कर जैसे तैसे काम चलाया जा रहा है।
उच्च प्राथमिक विद्यालय सोहरौना शिक्षक विहीन होने के कारण विभाग द्वारा सिकटा में कार्यरत विनोद सिंह को विद्यालय संचालन के लिए अस्थाई रूप से अटैच किया गया है। इस विद्यालय में 34 छात्र नामांकित हैं। वहीं पडरौना ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय कठकुईयां भी शिक्षक विहीन है। इस विद्यालय का प्रभार प्राथमिक विद्यालय कठकुईयां की प्रधानाध्यापिका संध्या वर्मा के पास है। इस विद्यालय में कुल 74 छात्र नामांकित हैं। प्राथमिक के कैंपस के बगल में होने के कारण प्राथमिक के टीचर उच्च प्राथमिक में शिक्षण कार्य करते हैं, जबकि बेसिक शिक्षा विभाग के मानकों को देखें तो 40 बच्चों पर एक शिक्षक तथा एक स्कूल में तीन शिक्षकों की तैनाती होनी चाहिए। वहीं माध्यमिक शिक्षा परिषद से 22 राजकीय व 55 एडेड विद्यालय संचालित हैं। इन स्कूलों में करीब 80 हजार बच्चों का नामांकन है। राजकीय विद्यालयों में 160 शिक्षक तथा जिले के 55 एडेड स्कूलों में 1299 शिक्षकों को मिलाकर कुल 1459 शिक्षक तैनात हैं। इन स्कूलों में विषय के आधार पर सहायक अध्यापक, प्रवक्ता व प्रधानाध्यापक की तैनाती होती है। जिले के बेसिक व माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो गयी है। इसका सीधा असर शिक्षा की गुणवत्ता व बच्चों पर पड़ेगा।