बलिया, । फर्जी दस्तावेज व दूसरे के नाम पर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी करने के दो आरोपियों को कोर्ट ने सात-सात साल कारावास की सजा सुनाया है। आरोपियों पर न्यायालय ने 30-30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
एसटीएफ गोरखपुर की टीम को फर्जी दस्तावेज के आधार पर शिक्षक की नौकरी करने की शिकायत मिली थी। इस आधार पर टीम ने 12 अक्तूबर 2022 को छापेमारी कर रसड़ा के बीआरसी कार्यालय पकवाइनार के पास से गड़वार थाना क्षेत्र के मठमैन निवासी ज्ञान प्रकाश को पकड़ लिया।
छानबीन में पता चला कि वह साल 2010 से प्रावि कुरेम पर जयप्रकाश यादव के नाम से सहायक अध्यापक की नौकरी कर रहा है। जांच में एसटीएफ को पता चला कि जिस जयप्रकाश के दस्तावेजों के आधार पर वह शिक्षक बना है वह देवरिया जनपद के सलेमपुर थाना क्षेत्र के श्रीनगर गांव का रहने वाला है। पूछताछ में आरोपी ने एसटीएफ को बताया था कि यह दस्तावेज रतसर के राजू यादव ने तैयार कराया है।
उसने टीम को बताया कि राजू भी मऊ के मधुबन थाना क्षेत्र के प्रावि फतेहपुर पड़राव में दया नाम से शिक्षक की नौकरी करता है। इसके बाद टीम ने राजू को पकड़ लिया। एसटीएफ के इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश सिंह की तहरीर पर रसड़ा कोतवाली में दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था। पुलिस ने जांच कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया। इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने सोमवार को दोनों फर्जी शिक्षकों को सजा सुनाया।