प्रयागराज, । उत्तर प्रदेश सचिवालय में अपर निजी सचिव (एपीएस) पद पर नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन के तहत पांच प्रतिशत तक त्रुटि की छूट थी लेकिन इस विज्ञापन में पांच प्रतिशत के अलावा तीन प्रतिशत और गलतियां माफ करने का प्रावधान था। इस प्रकार कुल आठ प्रतिशत तक गलतियों से छूट दी गई थी। इस पर राज्य सरकार ने 10 जून 2019 को एक आदेश जारी कर आयोग को नियमावली के अनुसार चयन प्रक्रिया करने का निर्देश दिया था। लोक सेवा आयोग का कहना था की सेवा नियमावली में टाइप टेस्ट में किसी भी प्रकार की गलती से छूट देने का कोई प्रावधान नहीं है इसलिए चयन को रद्द किया गया है। जबकि याचियों के अधिवक्ता का कहना था कि ऐसा कोई टाइप टेस्ट नहीं हो सकता, जिसमें अभ्यर्थी कोई गलती न करें। सभी प्रकार के टाइप टेस्ट में कुछ हद तक गलतियों से छूट रहती है और लोक सेवा आयोग के पास इसकी गणना करने का अपना फार्मूला है। टाइप टेस्ट की परीक्षा आयोग अपने तयशुदा सुधार फार्मूले के तहत कराता है।
कोर्ट का कहना था कि इस स्तर पर चयन प्रक्रिया रद्द करने से चयनित अभ्यर्थियों को नुकसान होगा और उन्हें नए सिरे से नए अभ्यर्थियों के साथ प्रतियोगिता में शामिल होना पड़ेगा।