अलीगढ़: माध्यमिक विद्यालय पठन-पाठन, नवाचार, तकनीक के उपयोग में कितने दक्ष हैं. मूलभूत व अन्य सुविधाएं मानक पर कितनी खरी हैं, यह मूल्यांकन अब संबंधित प्रधानाचार्य स्वः मूल्यांकन के माध्यम से बताएंगे। उन्हें प्रत्येक बिंदु पर गुणवत्ता के आधार पर स्वयं को अंक देने होंगे। प्रत्येक जानकारी का विभाग सत्यापन कराएगा। कम अंक पर प्रधानाचार्यों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी शुरुआत वित्त पोषित विद्यालयों से हो रही है। अलीगढ़ में 34. हाथरस में 23, कासगंज में 15 व एटा में 25 वित्त पोषित विद्यालय हैं। प्रधानाचार्यों को 14 भागों में विभाजित स्वः मूल्यांकन प्रपत्र दिया गया है। प्रत्येक भाग में कई बिंदु हैं, जिन पर अंक देने हैं। प्रार्थना सभा में प्रदर्शन बोर्ड, सुविचार, समाचार, महापुरुष कथा, महान व्यक्ति प्रसंग वाचन, आगंतुक वाचन, प्रश्नोत्तरी व अन्य प्रतियोगिताएं होती है तो अधिकतम नौ अंक तक लिए जा सकेंगे। विद्यालय की स्वच्छता, शुचिता, सुंदरीकरण, अनुशासन, व्यक्तिगत स्वच्छता, बच्चों की नियमित जांच पर अधिकतम नौ अंक हैं। छात्रों की प्रत्येक दिन की कक्षावार उपस्थिति का ब्योरा रखने पर पांच अंक, तनावग्रस्त, ड्रापआउट व लगातार अनुपस्थित विद्यार्थियों की काउंसलिंग पर पांच अंक, लगातार अनुपस्थित छात्रों का ब्योरा रखने पर पांच अंक हैं। चौथे भाग में शैक्षणिक गतिविधियां, टीएलएम, टेक्नोलाजी का प्रयोग, अच्छे शिक्षण की वीडियोग्राफी, पाठयोजना, टीचर्स डायरी रखने पर 10 अंक, प्रयोगशाला व पुस्तकालय की स्थिति व कार्य का अभिलेखीकरण पर पांच-पांच अंक ऐसे विधार्थियों और
नवाचार, समाचार पत्र व पत्रिका की उपलब्धता
कमजोर छात्रों का चिह्नीकरण, प्रधानाचार्य द्वारा प्रत्येक दिन शिक्षण कार्य व प्रत्येक | विषय की कम से कम पांच छात्रों की कापी का अवलोकन, समय सारणी, विद्यालय की नवाचार में उपलब्धि, सामाजिक गतिविधियां, विद्यालय की जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक गतिविधियां, खेलकूद का मैदान, आवश्यक सामग्री, क्लब का गठन व अभिलेखीकरण, विज्ञान पत्रिका व समाचार पत्र की उपलब्धता पर भी अंक निर्धारित हैं ।
स्वः मूल्यांकन के माध्यम से विद्यालयों में पठन-पाठन आदि की गुणवत्ता देखी जाएगी। अलीगढ़ मंडल में यह शुरुआत की है। विद्यालय में व्याप्त कमियां व अन्य कमजोर पक्षों की जानकारी होगी तो सुधार बेहतर तरीके से होगा। अगले चरण में स्ववित्त पोषित विद्यालयों में स्व मूल्यांकन कराया जाएगा।
मनोज कुमार गिरी, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक (माध्यमिक)
शिक्षकों की संख्या, जो ई-कंटेंट (एप, दीक्षा पोर्टल, निपुण भारत ) के माध्यम से पठन-पाठन कर रहे हैं। इसके लिए अधिकतम सांत अंक निर्धारित हैं।