बुलंदशहर। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथिमक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच फिर से शुरू होगी। वर्ष 2010 के बाद जो शिक्षक परिषदीय स्कूलों में नियुक्त हुए हैं वह जांच के घेरे में आएंगे। बीएसए ने फर्जीवाड़े पर नकेल कसने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। डीएम की अध्यक्षता में जो कमेटी शासन के आदेश पर बनी थीं वह फिर से सतर्क होगी और जांच पड़ताल शुरू की जाएगी। एसटीएफ द्वारा लगातार बेसिक स्कूलों में फर्जी शिक्षकों को पकड़ा जा रहा है, जिले में भी छह शिक्षकों की सेवा समाप्त हो चुकी है और अब फिर से फर्जी शिक्षकों की धर पकड़ के लिए तैयारी शुरू हो गई है। बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडे़य ने बताया कि जिले में जिन शिक्षकों का सत्यापन लंबे समय से फंसा हुआ है और या फिर जिनके वेतन पर रोक लगी हुई है, इनकी जांच पड़ताल होगी। इसके अलावा संबंधि ब्लॉक के बीईओ से भी गोपनीय जांच कराकर फर्जीवाड़ा खोला जाएगा। उन्होंने बताया कि सत्यापन करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। बीईओ के साथ एक बैठक कर उन्हें निर्देश दिए जाएंगे। शासन की गाइड लाइन के अनुसार शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच की जाएगी।
छह शिक्षकों ने किया था बड़ा फर्जीवाड़ा
जिले में विगत वर्षों से फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों पर नौकरी करते हुए छह शिक्षकों की सेवा समाप्त की गई है। जिले इन शिक्षकों ने विभाग से 2.50 करोड़ से अधिक का वेतन भी ले लिया था, इनमें एक शिक्षिका भी शामिल थी हालांकि अब यह सभी शिक्षक जेल में बताए जा रहे हैं और इनसे अब रिकवरी होगी। इसके अलावा एक शिक्षक बिजनौर के किसी शिक्षक के दस्तावेजों पर नौकरी कर रहा था इसकी भी सेवा समाप्त हो चुकी है और, मगर अभी तक इस शिक्षक का कोई पता नहीं चल सका है। बीएसए ने बताया कि अब नए सिरे से जिले में फर्जी शिक्षकों की धरपकड़ होगी।
जिले में फर्जी शिक्षकों की फिर से तलाश से होगी, इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिन शिक्षकों का लंबे समय से सत्यापन नहीं आया है और वेतन नहीं निकला है पहले उनकी सूची तैयार कर कार्रवाई की जाएगी। जांच कमेटी के लिए डीएम से वार्ता कर सत्यापन कार्य शुरू किया जाएगा। BSA