लखनऊ। उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति और फीस भरपाई में फर्जीवाड़े पर प्रभावी अंकुश लगाने के एक और पहल होने जा रही है। शिक्षण संस्थानों की लगाम और कसी जाएगी। अब यह सरकारी सुविधा प्राप्त करने वाले शिक्षण संस्थानों को कोड आवंटित किये जाएंगे। है। केन्द्र सरकार के निर्देश पर सभी राज्यों में छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की सरकारी सुविधा पाने वाले शिक्षण संस्थानों को अब कोड आवंटित किए जाएंगे।
कोड आवंटित शिक्षण संस्थान ही अपने यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए सरकारी छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की सुविधा पा सकेंगे। इस व्यवस्था में छात्रवृत्ति व फीस भरपाई के लिए होने वाले आनलाइन आवेदनों में कोई फर्जी दस्तावेज नहीं लग पाएगा।
समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि केन्द्र सरकार ने शैक्षिक सत्र 2024-25 से कक्षा नौ से 12 तक के शिक्षण संस्थानों के लिए यूनीफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फार्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन तथा कक्षा 12 से ऊपर की कक्षाओं के लिए आल इण्डिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन कोड अनिवार्य किया है। इसके लिए केन्द्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय से एपीआई आदि लेनी होगी, छात्रवृत्ति पोर्टल का इंटिग्रेशन होगा।
प्रदेश के समाज कल्याण विभाग ने इस नयी कोडिंग व्यवस्था की तैयारी शुरु कर दी है। अगले चार-पांच महीनों में यह व्यवस्था तय कर ली जाएगी मगर इसे लागू अगले शैक्षिक सत्र से किया जाएगा। इस व्यवस्था को लागू करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य होगा।
छात्रवृत्ति पोर्टल एपीआई के साफ्टवेयर से जोड़ा जा रहा है। इससे शिक्षण संस्थानों के फर्जीवाड़ा करके छात्रवृत्ति व फीस भरपाई हड़पने पर पूरी तरह रोक लगेगी।
-असीम अरुण, समाज कल्याण राज्य मंत्री