• टीजीटी 2013 की भर्ती में षडयंत्रकारियों ने फर्जी जारी किया था समायोजन
• हाई कोर्ट के आदेश पर शासन ने प्रकरण में विजिलेंस जांच के कर दिए हैं आदेश
प्रयागराज
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) भर्ती परीक्षा 2013 में षडयंत्रकारियों ने लिखित परीक्षा में असफल कई अभ्यर्थियों को फर्जी ढंग से चयनित बताकर फर्जी चयन पैनल जारी कर दिया था। लिखित परीक्षा में असफल होने के कारण चयन बोर्ड की ओर से कराए गए साक्षात्कार में उन्हें बुलाने का कोई प्रश्न ही नहीं था, लेकिन षडयंत्रकारियों ने अनुत्तीर्ण अभ्यर्थियों का फर्जी समायोजन दिखा सात को तो कार्यभार भी ग्रहण कराया। हाई कोर्ट के आदेश पर फिलहाल शासन ने प्रकरण में विजिलेंस जांच के आदेश कर दिए हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सामानांतर षडयंत्रकारियों ने फर्जी ढंग से पैनल जारी करने से लेकर समायोजन की प्रक्रिया अपनाई। इसमें फर्जी चयन / समयोजन की शिकायत मिलने के बाद संभल और बलरामपुर के जिला विद्यालय निरीक्षकों ने चयन बोर्ड से सत्यापन कराया तो 12 लोगों का किया गया समायोजन फर्जी पाया गया। छह ने बलरामपुर और एक ने संभल के विद्यालय में कार्यभार ग्रहण कर लिया था, जिन्हें वेतन भी निर्गत किया गया।
डीआइओएस की ओर से जिन सात के विरुद्ध चयन बोर्ड के आदेश पर कार्रवाई की गई है, वह लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो सके थे। उन्हें साक्षात्कार के लिए आमंत्रित नहीं किया गया, जबकि सफल अभ्यर्थियों का चयन बोर्ड ने साक्षात्कार कराने के बाद रिक्त पदों के सापेक्ष अंतिम रूप से चयन किया था। इसके बाद चयनितों का पैनल जारी किया था। इसके विपरीत षडयंत्रकारियों ने लिखित परीक्षा से आगे न बढ़ पाए 12 लोगों का फर्जी समायोजन जारी किया था, जिसमें से पांच के बारे में अभी जानकारी जुटाई जानी है कि वह कहां हैं।
कहीं कार्यभार ग्रहण कर वेतन तो नहीं ले रहे हैं। अब शासन की ओर से आदेश दिए जाने के बाद विजिलेंस टीम जांच में पता लगाएगी कि चयन बोर्ड के समानांतर व्यवस्था कौन चला रहा है और कितने लोगों को फर्जी ढंग से चयनित कराकर कार्यभार ग्रहण कराया गया है