नई दिल्ली। कई करदाताओं ने समय पर आयकर रिटर्न दाखिल कर दिया है। इसके बावजूद उनके खाते में रिफंड नहीं आया है। इस पर विभाग का कहना है कि ऐसा फॉर्म 26एएस और वार्षिकी सूचना रिपोर्ट (एआईएस) में मिलान न होने से संभव हो सकता है। इसके चलते रिटर्न को सत्यापित करने के बाद भी रिफंड अटक सकता है।
विभाग का कहना है कि रिटर्न को करदाता द्वारा सत्यापित करने के बाद कर अधिकारी उसे प्रोसेस करता है। इस प्रक्रिया में फॉर्म 26एएस और एआईएस में दर्ज करदाता द्वारा आकलन वर्ष में किए गए कुल लेनदेन, आमदनी, कर अदायगी, छूट और रिफंड के दावों की जांच की जाती है। यदि करदाता ने आईटीआर में कुछ और राशि घोषित की है और एआईएस दस्तावेज और ज्यादा या कम राशि का दावा करते हैं तो रिफंड अटक सकता है। आईटीआर प्रोसेस होने पर ही रिफंड जारी किया जाता है। इस तरह के अटके मामलों में संशोधित रिटर्न दाखिल करनी होगी।
विभाग भेजेगा नोटिस यदि करदाता ने कम कर का भुगतान किया है और आईटीआर भर दिया है तो आयकर विभाग उसे नोटिस भेजकर पूरा भुगतान करने को कहेगा। साथ ही संशोधित आईटीआर भरने का भी निर्देश देगा।
इसके बाद ही करदाता रिफंड पाने का हकदार होगा। इस स्थिति में भी करदाता को ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है।