अंधेरे में अभ्यर्थी, एक साल से तय नहीं हो पा रही एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती की अर्हता
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की तकरीबन सभी भर्तियों में अर्हता का विवाद दूर हो चुका है, लेकिन एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती को लेकर स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं है। एक तरफ कंप्यूटर जैसे विषय में आउटसोर्सिंग से भर्ती की जा रही है, वहीं दूसरी ओर विज्ञापन में हो रही देरी को लेकर कहा जा रहा है कि भर्ती की समकक्ष अर्हता अभी स्पष्ट नहीं है।
अभ्यर्थी असमंजस की स्थिति में हैं। यह बताने को कोई तैयार नहीं कि
एक साल बाद भी समकक्ष अर्हता निर्धारित क्यों नहीं की जा सकी। इस बीच कंप्यूटर विषय में आउटसोर्सिंग से भर्ती की तैयारी होने के कारण यह आशंका भी बनी हुई है कि अन्य विषयों में भी एलटी ग्रेड शिक्षकों की आउटसोसिंग से भर्ती की जा सकती है। ऐसा हुआ तो नियमित भर्ती के रास्ते बंद हो जाएंगे।
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का पिछला विज्ञापन पांच साल पहले है। मार्च 2018 में जारी किया गया था। इस विज्ञापन के तहत 15 विषयों में शिक्षकों के 10,768 पदों पर भर्ती होनी थी। इस भर्ती में भी कई विषयों
में समकक्ष अहंता को लेकर विवाद था। विवाद के कारण ही बड़ी संख्या में सीटें खाली रह गईं। आयोग के पास एलटी ग्रेड शिक्षक के छह हजार से अधिक पदों पर नई भर्ती के लिए एक साल से अधियाचन पड़ा हुआ
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती, समीक्षा अधिकारी (आरओ) / सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ), अपर निजी सचिव सहित कई भर्तियों में
अर्हता का विवाद था। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती को छोड़कर बाकी सभी भर्तियों में अर्हता का विवाद दूर कर लिया गया है और आयोग की ओर से ज्यादातर भर्तियों के विज्ञापन भी जारी किए जा चुके हैं।
सवाल उठ रहे हैं कि जब बाकी भर्तियों में अर्हता संबंधी विवाद दूर कर लिए गए तो एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती को लेकर अहंता स्पष्ट क्यों नहीं हो रही है। विज्ञापन जारी किए जाने की मांग को लेकर अभ्यर्थी कई बार आयोग में धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं और हर बार उन्हें यही आश्वासन मिला कि शासन स्तर से
अर्हता स्पष्ट होते ही विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा।
वहीं, कुछ दिनों पहले शासन ने कंप्यूटर विषय में आउटसोर्सिंग के माध्यम से एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू की है। अभ्यर्थियों को आशंका है कि अन्य विषयों में भी आउटसोर्सिंग से भर्ती की जा सकती है और इसी वजह से नियमित भर्ती शुरू नहीं हो पा रही है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि आयोग अभ्यर्थियों को अंधेरे में रखने के बजाय लिखित रूप से स्पष्ट करे कि भर्ती शुरू क्यों नहीं हो पा रही है।