नई दिल्ली,। केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि 45 दिन या उससे अधिक समय तक चलने वाली अस्थायी नियुक्तियों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण दिया जाएगा। केंद्र ने कहा कि सभी मंत्रालयों और विभागों को अस्थायी पदों पर इस आरक्षण को सख्ती से लागू करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
केंद्र सरकार ने अस्थायी नौकरियों में एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण की मांग करने वाली एक याचिका का जवाब देते हुए अदालत को पिछले साल नवंबर में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन संख्या के बारे में सूचित किया। यह दोहराया गया कि केंद्र सरकार के पदों और सेवाओं में नियुक्तियों के संबंध में अस्थायी नियुक्तियों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षण होगा, जो 45 दिनों या उससे अधिक समय तक चलेगा।
मंत्रालय ने कहा, इन निर्देशों को सख्त अनुपालन के लिए सभी संबंधितों को सूचित किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने याचिका का निपटारा कर दिया। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि इस कार्यालय ज्ञापन का उल्लंघन होता है, तो याचिकाकर्ता या पीड़ित पक्ष कानून के अनुसार उचित उपाय का सहारा लेने के लिए स्वतंत्र होगा। पीठ ने इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील का बयान दर्ज किया कि कार्यालय ज्ञापन का पालन करने में विफलता के मामलों से निपटने के लिए एक सिस्टम मौजूद है