लखनऊ : कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ रहीं छात्राओं को घटिया भोजन परोसा जा रहा है। भोजन बनाने में खराब खाद्य सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। दालें, छोला, चना व राजमा इत्यादि अत्यंत छोटे, घुन व फफूंदी युक्त प्रयोग किए जा रहे शामिल हैं। हैं। यहीं नहीं छात्राओं को 200 मिली लीटर (एमएल) दूध देने की बजाए सिर्फ 100 एमएल दूध ही दिया जा रहा है। राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय की टीम द्वारा किए गए औचक निरीक्षण में इसका खुलासा हुआ है।
ऐसे में जिलों में गठित पांच सदस्यीय जांच कमेटी द्वारा जांच न किए जाने पर फटकार लगाई गई है। राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर सभी 742 विद्यालयों में आपूर्ति की जा रही खाद्य सामग्री की नियमित जांच कराने के निर्देश दिए हैं। सभी जिलों में अलग-अलग ब्लाक के लिए बनाई गई पांच सदस्यीय जांच कमेटी में तहसीलदार, खंड शिक्षा अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, वार्डन व विद्यालय प्रबंध समिति की एक महिला सदस्य
निदेशालय की जांच में यह पाया गया कि खाद्यान्न की आपूर्ति कर रही फर्म खाद्य सामग्री का सैंपल तो उच्चकोटि का देती है, लेकिन घटिया सामग्री की आपूर्ति कर रही है। ऐसे में खराब भोजन करने से छात्राएं बीमार हो सकती है। वहीं इसकी जांच के लिए गठित पांच सदस्यीय कमेटियां हाथ पर हाथ रखे बैठी हुई हैं। ऐसे में सभी जिलों में जांच कमेटियां को सक्रिय कर खराब खाद्यान्न की आपूर्ति करने की फर्मों को काली सूची में डालने के निर्देश दिए गए हैं।