2004 में नियुक्ति और 2006 में ज्वाइनिंग को हाई कोर्ट ने माना चयन बोर्ड की लापरवाही
प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गौरी पाठशाला
इंटरमीडिएट कालेज प्रयागराज की अध्यापिका निरुपमा मालवीय को पुरानी पेंशन का लाभ देने तथा वेतन से फंड कटौती करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि याची की नियुक्ति नई पेंशन स्कीम लागू होने से पहले हो चुकी थी, किंतु माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की नाकामी के कारण उसे नई स्कीम लागू होने के बाद ज्वाइन कराया गया।
न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने निरुपमा मालवीय की याचिका स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है। याची ने अर्थशास्त्र विषय के लेक्चरर पद के लिए 2003 की भर्ती में आवेदन दिया। 29 सितंबर 2004 को चयनित होने के बाद उनको 20 अक्टूबर 2004 तक सनातन
धर्म कन्या इंटर कालेज मेरठ में में ज्वाइन करना था किंतु कालेज को अ अर्थशास्त्र व समाजशास्त्र विषय की ह अध्यापिका चाहिए थी तो प्रधानाचार्य ग ने ज्वाइन करने से इन्कार कर दिया। 7- इसके बाद सचिव चयन बोर्ड ने से दूसरे कालेज में भेजा। इसी बीच रे- 28 मार्च 2005 के शासनादेश से ह पहली अप्रैल 2005 से नई पेंशन ल स्कीम लागू कर दी गई। जनता इंटर कालेज आलमबाग लखनऊ ने याचिका में अंतरिम आदेश के चलते ज्वाइन कराने से इन्कार कर दिया। इसके बाद याची को जिला पंचायत बालिका इंटर कालेज भदोही भेजा गया, जहां उसने दो अगस्त 2006 को ज्वाइन किया।