जिस तरह से राजनीतिक पार्टियों को चुनाव करीब होने पर ही मतदाताओं की याद आती है, वैसे ही लाखों शिक्षकों और कर्मचारियों को भी अपनी मांगों के मद्देनजर सरकार पर दबाव बनाने के लिए चुनाव का इंतजार रहता है। अब लोकसभा का चुनाव करीब है इसलिए चाहे कर्मचारी हों या फिर शिक्षक, सभी अपनी ताकत दिखाकर सरकार पर मांगों को पूरा करने के लिए दबाव बनाने में जुट गए हैं। कर्मचारियों ने दिल्ली में
पुरानी पेंशन को लेकर ताकत दिखाई तो शिक्ष यहां मौके पर चौका मारते हुए महानिदेशालय को घेरने आ गए। शिक्षकों का जमावड़ा देख मुखिया पहले तो वहां से खिसक लिए, लेकिन शिक्षकों द्वारा विधानसभा की ओर कूच करने का ऐलान करते ही बड़े साहब को उल्टे पैर लौटना पड़ा। शिक्षकों की मांगों से दूर भागने वाले साहब को सरकार के दबाव में उनका ज्ञापन लेने के साथ वार्ता के लिए भी तैयार होना ही पड़ा।