शिक्षक संगठनों के व्हाट्सएप ग्रुपों पर सवालों की झड़ी
विभाग की गोपनीयता पर भी खड़े हो रहे सवालिया निशान
सीतापुर। जिले के रेउसा ब्लाक के एक शिक्षक द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी के सीयूजी नंबर से ब्लाक में तैनात एक महिला शिक्षक को अश्लील फोटो भेजे जाने वाले प्रकरण में विभाग की गोपनीयता पर तो सवाल खड़े होने शुरू ही हो गए हैं। दूसरी तरफ शिक्षक संगठनों के ग्रुपों पर शिक्षकों द्वारा एकतरफा कार्रवाई से रोष भी व्याप्त हो गया है गम्भीर प्रकरण में सवाल तो कई खड़े हो रहे हैं…….लेकिन प्रकरण की जांच स्वयं विभाग
के ही समकक्ष जिम्मेदारों के पास है तो प्रकरण की जांच किस हद तक सच्चाई बयां करेगी यह एक अहम सवाल जरूर है। जिले के रेउसा ब्लाक के
प्राथमिक विद्यालय सिरसा में तैनात सहायक अध्यापक के द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी के अधिकारिक सीयूजी नम्बर से ब्लाक में ही तैनात एक शिक्षिका पहुंच गया।
के मोबाईल पर अश्लील फोटो भेजी गई थी जिसकी शिकायत शिक्षिका ने इसकी शिकायत रेउसा बीईओ रामजनक वर्मा से की थी। हर स्तर पर मामले पर पर्दा डालने का प्रयास भी किया गया लेकिन जब शिक्षिका ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह को मामले से अवगत कराया तो जांच प्रक्रिया शुरू हो गई। इसी क्रम में प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए शिक्षक को बीईओ की संतुति के बाद निलम्बित कर दिया गया और प्रकरण की जांच रामपुर मथुरा बीईओ नवीन पटेल को सौंप दी गई। सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर बीईओ के सीयूजी फोन शिक्षक के पास क्या कर रहा था ? किस स्तर से बीईओ राम जनक वर्मा का फोन संबंधित शिक्षक के हाथों में
क्या प्रकरण में बीईओ का कोई दोष नही…..?
सवाल यह है कि क्या प्रकरण में बीईओ राम जनक वर्मा को कोई दोष नही ? जैसा की सभी देखते हैं कि पुलिस महकमे में तैनात आरक्षी व कर्मी यदि किसी भी विभिन्न परिस्थियों में दीर्घशंका व लघुशंका के लिए शौचालय तक जाते हैं तो शायद वह अपने शास्त्रों को अपने से अलग नहीं होने देते क्योंकि उनके ऊपर विभाग की गोपनीयता व सुरक्षा का जिम्मा रहता है। तो सवाल यह है कि आखिर बी ई ओ राम जनक वर्मा ने यह जिम्मा पूर्ण रूप से क्यूं नही उठाया और कैसे किसी कार्य या अनजाने में सरकारी सीयूजी नम्बर संबंधित शिक्षक के हाथ में पहुंच गये।
प्रकरण में बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह का कहना है कि प्रथम दृष्टया घोर लापरवाही व नियमों के उल्लंघन के कारण दोषी शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, लेकिन अधिकारी सीयूजी नंबर का शिक्षक के पास पहुंचना यह गंभीर विषय है। बीईओ रेउसा रामजनक वर्मा से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। विधिवत जांच चल रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।