सीतापुर। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों व नौनिहालों की हाजिरी अब चेहरा दिखाकर लगेगी। इसके लिए 5,765 विद्यालयों को टैबलेट दिए जाएंगे। इस टैबलेट में फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल प्रयोग किया जाएगा। इससे फर्जी हाजिरी पर लगाम लगेगी। साथ ही लेटलतीफी पर भी अंकुश लग सकेगा। उम्मीद है एक सप्ताह में यह कवायद शुरू हो जाएगी।
सरकारी विद्यालयों में अब कई तरह के एप से मॉनिटरिंग की जा रही है। शिक्षक अपने मोबाइल से ही यह एप संचालित करते हैं। कई बार शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन करके टैबलेट दिए जाने की मांग की थी। अब शिक्षकों की यह मांग पूरी हो गई है। पहले चरण में जिले के 5,765 विद्यालयों को टैबलेट दिए जाएंगे।
प्रत्येक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पास एक टैबलेट रहेगा। अगर प्रधानाध्यापक का पद रिक्त है तो इंचार्ज प्रधानाध्यापक इसे संभालेंगे। अब इस टैबलेट के जरिए ही विद्यालय में शिक्षक व नौनिहालों की हाजिरी लगेगी। अगर प्रधानाध्यापक एमडीएम में 50 बच्चों के
खाना खाने की सूचना भरते हैं तो उन बच्चों की फोटो भी अपलोड करनी होगी। चेहरा दिखाकर सभी बच्चों की इस टैबलेट के जरिए रोजाना हाजिरी लगेगी। साथ ही तमाम एप भी इसी से संचालित किए जाएंगे। यानि इस टैबलेट के आने से फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी। विद्यालयों का चयन होने के बाद अब उम्मीद है यह टैबलेट एक सप्ताह के अंदर आ जाएंगे।
सरकारी कार्य ही होंगे मान्य
टैबलेट का प्रयोग शिक्षक केवल सरकारी काम के लिए ही करेंगे। वह इसका प्राइवेट उपयोग नहीं कर सकेंगे। यह विद्यालय में ही रहेगा। रखरखाव की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी। जरूरत पर स्कूल के अन्य शिक्षक भी प्रयोग कर सकेंगे।
विद्यालयों के लिए आए 5,765 टैबलेट, फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का होगा इस्तेमाल
मिलेगी मदद टैबलेट जल्द चिह्नित विद्यालयों को मिलेंगे। इससे सरकारी योजनाओं के संचालन में काफी मदद मिलेगी। -अखिलेश प्रताप सिंह, बीएसए
- सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा (AISSEE) 2025 के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी 📡
- परिषदीय शिक्षक समेत अनुपस्थित 21 अनुदेशक,शिक्षामित्रों को नो वर्क नो पे
- Primary ka master: परिषदीय विद्यालयों की अवकाश तालिका जारी, चार अवकाश का नुकसान
- शिक्षकों के साथ संवाद स्थापित करने तथा आगामी प्राथमिकताओं के संबंध में अभिमुखीकरण हेतु 27 दिसम्बर को आयोजित होगा यूट्यूब सेशन
- कहीं गुजर न जाए तबादलों का ये भी मौसम, तबादले की आस लगाए बैठे बेसिक शिक्षकों को डर